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गैंगस्टरों की मौत से दफन हो रहे राज

Bhupalpally: Telangana's Bhupalpally district have been alerted and extensive police inspections have been launched in the wake of the bandh call given by Maoists in a protest against the encounter of a Maoist at Devellagudem of Gundala mandal in Bhadradri-Kothagudem district. Doodi Deval alias Shankar, member of the action team and gunman of Maoist leader Hari Bhushan was killed in an exchange of fire between police and Maoists. Claiming it as a false encounter, the Maoists called for Telangana bandh. (Photo: IANS)

 

लखनऊः बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे की गाड़ी पलटने के बाद एनकाउंटर में उसकी मौत के साथ ही तमाम सवाल उलझ कर रह गए। इस मामले में पुलिस अभी भी जांच कर रही है, लेकिन तमाम राज विकास दूबे के साथ ही दफन हो गए। अब मध्य प्रदेश के गुना में बिकरू कांड की तरह हुई घटना ने यूपी पुलिस को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। इस घटना में लखनऊ के फरार अपराधी की मध्य प्रदेश के गुना में गाड़ी पलटने से मौत हो गई।

दरसअल, छह साल से फरार गैंगस्टर के आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए लखनऊ पुलिस मुंबई गई थी। पुलिस ने उसे वहीं से गिरफ्तार किया, जहां उसके होने की जानकारी मिली थी। वापस आते समय मध्य प्रदेश के गुना में गाड़ी नीलगाय से टकरा गई। इसी दौरान वह वाहन पलट गया, जिसमें वह बैठा था। इससे 54 वर्षीय गैंगस्टर फिरोज अली उर्फ शमी की मौत हो गई। इसके साथ बैठा दरोगा, सिपाही व मुखबिर घायल हो गए। इनको गुना में ही भर्ती करा दिया गया। इस घटना के बाद जब मीडिया में सवाल उठने शुरू हो गए तो पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय को सफाई देने आना पड़ा। घटना ने बिकरू कांड की याद दिला दी। कहानी ठीक वैसी ही है। वहां विकास दुबे को भागते समय एनकाउंटर की बात कहीं गई थी और यहां हादसे में ही गैंगस्टर की मौत बताई गई। फिरोज बहराइच का रहने वाला था। उसके खिलाफ ठाकुरगंज में लूट व चोरी के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस ने 2014 में गैंगस्टर की कार्रवाई भी की थी। इसके बाद से ही वह लखनऊ से फरार हो गया था। अपनी सफाई में पुलिस कह रही है कि गुना में हाइवे पर नीलगाय कार के सामने आ गई, हादसे में कार क्षतिग्रस्त हो गई थी।

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नहीं मिला सफाई में बोलने का मौका

बिकरू कांड को लेकर लोगों में तमाम आक्रोश था। लोगों का कहना था कि अदालत में तमाम बातें गोपनीय तरीके से बताई जाती हैं। कुछ बातें अपराधी पुलिस के सामने नहीं रख पाते हैं। इसमें उनके मन में तमाम तरह का खौफ रहता है। कुछ राज की बातें भी होती हैं, जिनको लोग पुलिस के सामने नहीं रखते हैं। अपराधी के साथ कौन से लोग थे, किसी के दबाव में काम किया, किन परिस्थितियों में आचरण बदला, वारदातें कितनी कीं, उसको किस-किस का संरक्षण मिला ? आदि सवाल भी महत्व रखते हैं, लेकिन ये सभी उसकी मौत के साथ ही दफन हो गए।