नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने नई संसद भवन का उद्घाटन (new parliament building) राष्ट्रपति से करवाने की मांग वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने नई संसद के पीएम मोदी से उद्घाटन किए जाने के खिलाफ की गई याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं एससी ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि 'आप पर ऐसी याचिका दाखिल करने के लिए जुर्माना क्यों न लगाया जाए।' ऐसी याचिकाओं को देखना सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है।
बता दें कि नई संसद भवन का उद्घाटन (new parliament building) राष्ट्रपति से करवाने की मांग वाली याचिका सीआर जयासुकिन नाम के वकील ने दाखिल की थी। इस याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम जानते हैं कि यह याचिका क्यों दाखिल हुई। ऐसी याचिकाओं को देखना हमारा का काम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि इस याचिका से किसका हित होगा? सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से दलील देते हुए कहा गया कि राष्ट्रपति संवैधानिक मुखिया होता है, जिसके चलते उद्घाटन भी उसे ही करना चाहिए।
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इस बात पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम मामले में दखल नहीं देना चाहते हैं। यह ऐसा मामला नहीं है, जिसमें कोर्ट दखल दे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कार्यकारी प्रमुख (प्रधानमंत्री) संसद का सदस्य होता है। संवैधानिक प्रमुख (राष्ट्रपति) संसद का हिस्सा होते हैं। हम याचिका को बंद करने जा रहे हैं। इसके बाद वकील ने याचिका वापस लेने की इजाजत मांगी। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा, याचिका वापस लेने की इजाजत दी गई तो यह हाईकोर्ट चले जाएंगे। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या आप हाईकोर्ट जाएंगे। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका वापस लेने की इजाजत दी।
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