नई दिल्लीः नवरात्रि दो अप्रैल (शनिवार) से प्रारंभ होने वाले हैं। नवरात्रि के दिनों में मां भगवती के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है। हर घर में नवरात्रि को लेकर तैयारियां भी शुरू हो गयी हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना से समस्त सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। नवरात्रि पर इस बार सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग बन रहा है। ये दोनों योग एक अप्रैल को सुबह 10.40 बजे से लेकर दो अप्रैल प्रातः 6 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। खास योग से धन-धान्य की वृद्धि होगी। इस बार पूरे नौ दिन के नवरात्र में माता रानी अश्व पर आ रही हैं, विदाई भैंसे पर होगी।
ज्योतिषविदों के मुताबिक चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि एक अप्रैल को दिन में 11.54 बजे लगेगी। जो अगले दिन दो अप्रैल को दिन में 11.59 मिनट तक रहेगी। पहले दिन मुख निर्मालिका गौरी, दूसरे दिन ज्येष्ठा गौरी, तीसरे दिन सौभाग्य गौरी, चौथे दिन श्रृंगार गौरी, पांचवें दिन विशालाक्षी गौरी, छठे दिन ललिता गौरी, सातवें दिन भवानी गौरी, आठवें दिन मंगला गौरी और नौवें दिन महालक्ष्मी गौरी का पूजन अर्चन किया जाता है। नवरात्र के पहले दिन दो अप्रैल को हिन्दू नववर्ष (विक्रम संवत् 2079) आरम्भ हो रहा है। वासंतिक नवरात्र में कलश स्थापना दो अप्रैल को होगी।
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घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रातः 9.22 बजे तक वैधृति योग से पूर्व में करना चाहिए। अभिजीत मुहूर्त सुबह अपराह्न 12 बजे से लेकर 12.50 तक है, लेकिन सूर्योदय से लेकर पूरे दिन कलश स्थापना किया जा सकता है। 9 अप्रैल को महाअष्टमी का व्रत श्रद्धालु करेंगे। 10 अप्रैल को मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जायेगा।
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