Sanatan Dharma Controversy-अयोध्याः तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए गए विवादित बयान को लेकर बुधवार को तपस्वी छावनी के जगद्गुरु परमहंस आचार्य (Jagadguru Paramahansa Acharya) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र भेजकर स्टालिन को पद से मुक्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे 18 सितंबर को स्टालिन से मिलने तमिलनाडु जाएंगे और जिस तरह हनुमान ने कालनेमि को मारा था, उसी तरह उनका सिर काटकर लौट आएंगे।
सिर काटकर लाने वाले को 10 करोड़ रुपये का इनाम
इतना ही नहीं परमहंस ने स्टालिन का सिर कलम करने वाले को 10 करोड़ रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की है। उन्होंने मंदिर में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि हम सनातन धर्म के अनुयायी हैं। हमारा धर्म चींटियों को भी बचाने की बात करता है। हम अहिंसावादी और वसुधैव कुटुंबकम के अनुयायी हैं, लेकिन जिस तरह से डीएमके नेता ने कहा कि सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया की तरह खत्म कर देना चाहिए। इसके बाद मैंने कहा कि जो उनकी गर्दन काटेगा उसे मैं 10 करोड़ रुपये दूंगा। इस पर उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि मैं अपने बयान पर कायम हूं, फिर उनका बयान आया कि हमें कोई फर्क नहीं पड़ता, हमारे दादाजी को भी ऐसी धमकियां मिली थीं।
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राष्ट्रपति को पत्र भेजकर की ये मांग
Jagadguru Paramahansa Acharya ने कहा कि आज हमने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र भेजकर उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है। मैंने कहा है कि अगर ऐसा नहीं है तो हमें उनसे मिलने दिया जाए, क्योंकि अगर किसी ने दूसरे धर्मों के बारे में ऐसा बयान दिया होता तो अब तक उसके चीथड़े नहीं मिलते, लेकिन सनातन पर जहां 100 में से एक भारत के करोड़ों लोगों में से 80 प्रतिशत लोग इस धर्म के अनुयायी हैं, उन्हें मारने का आह्वान किया है।
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