कानपुरः उत्तर प्रदेश के कानपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी (Irfan Solanki) को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सात साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 30 हजार पांच सौ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। महाराजगंज जेल में बंद इरफान सोलंकी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए। कानपुर के जाजमऊ आगजनी मामले में दोषी करार दिए गए सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और उनके साथी शौकत अली, मोहम्मद शरीफ और इसराइल आटे वाला की सजा का ऐलान कर दिया गया है।
सभी आरोपियों को 7 साल की सजा
एमपीएमएलए सेशन कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने सभी आरोपियों को सात साल कैद की सजा सुनाई है। डीजीसी क्राइम दिलीप अवस्थी ने बताया कि जाजमऊ आगजनी मामले में इरफान सोलंकी को सात साल कैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही 30 हजार 500 का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके साथ ही रिजवान सोलंकी, इसराइल आटे वाला, मोहम्मद शरीफ और शौकत अली को भी सात साल की सजा सुनाई गई है। इन सभी पर जुर्माना भी लगाया गया है।
अगर वे जुर्माना राशि नहीं देते हैं तो उन्हें तीन महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। जुर्माने की 40 फीसदी राशि पीड़ित (वादी) को दी जाएगी। इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से इरफान रिजवान के अधिवक्ता सईद नकवी, शिवाकांत दीक्षित और करीम अहमद सिद्दीकी ने दलील दी कि दोषी इरफान सोलंकी विधायक हैं। सजा के चलते उनका विधायक का दर्जा भी खतरे में है, इसलिए कम से कम सजा दी जाए।
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ये है पूरा मामला
बता दें कि 7 नवंबर 2022 को जाजमऊ के डिफेंस कॉलोनी स्थित प्लॉट में रहने वाली नजीर फातिमा के घर में आग लग गई थी। नजीर फातिमा ने सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और उनके साथियों पर आग लगाने का आरोप लगाया था।
इस मामले में कोर्ट ने इरफान, रिजवान, मो. शरीफ, शौकत अली और इसराइल आटे वाला पर आगजनी, क्षति पहुंचाने, मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए तीन जून को आरोप तय किए थे। वहीं सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए सात जून की तिथि तय की गई थी। सजा सुनाने के लिए इरफान को महाराजगंज जेल से नहीं लाया गया था।