वांशिगटनः रूस-यूक्रेन जंग आज 24 फरवरी को एक साल पूरा हो गया है। लेकिन दोनों देश अब भी एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं। इस भीषण जंग में दोनों देशों को भारी जान और माल का नुकसान हुआ है। यूक्रेन को अमेरिका सहित पश्चिमी देशों से पूरा सहयोग मिल रहा है। जबकि चीन रूस के साथ खड़ा हुआ है। वहीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में यूक्रेन संकट को लेकर चीन ने अमेरिका समेत पश्चिमी देशों पर जमकर निशाना साधा।
चीन ने कहा कि पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन में हथियार भेजने से शांति नहीं आएगी। यूक्रेन संकट को लेकर बुलाए गए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के विशेष सत्र में चीन ने परमाणु युद्ध को लेकर आगाह किया। चीन ने कहा कि यूक्रेन संकट अभी भी बढ़ रहा है। हम इससे बहुत चिंतित हैं। सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए। परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, परमाणु युद्ध नहीं लड़ा जा सकता।
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अमेरिकी और उसके सहयोगी देशों पर निशाना साधते हुए चीनी प्रतिनिधि ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता की पहल करनी चाहिए। हथियार भेजने से शांति नहीं आएगी। हम एक बार फिर दोहराते हैं कि कूटनीति और बातचीत से ही संकट का समाधान किया जा सकता है। यूक्रेन संकट पर इससे मुंह मोड़ नहीं सकते हैं। चीन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आग की लपटों से खेलने और स्वार्थ की तलाश करने के बजाय शांति वार्ता के लिए स्थितियां बनानी चाहिए।
गौरतलब है कि रूस के आक्रमण के बाद से पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को अरबों डॉलर के हथियार उपलब्ध कराए। उसी समय, संयुक्त राज्य अमेरिका और नाटो ने चीन पर रूस को हथियारों की आपूर्ति करने पर विचार करने का आरोप लगाया और बीजिंग को इस तरह के कदम के खिलाफ चेतावनी दी। हालांकि चीन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
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