संपादकीय

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रशासन की भूमिका

ayodhya ..
अयोध्या धाम स्थित श्रीराम जन्मस्थली पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन समस्त रामभक्तों की उम्मीद से कई गुना बढ़कर भव्य और दिव्य रहा। इस दौरान प्रशासन ने आयोजन को सुगम, सुव्यवस्थित और भव्यतापूर्ण बनाने के लिए दिन-रात काम करते हुए बेहद अनुकरणीय योगदान दिया। रामभक्तों सहित शासन और प्रशासन का उत्साह इस बात का गवाह रहा कि श्रीरामलला विराजमान सम्पूर्ण देशवासियों के लिए कितनी आस्था और अहमियत रखता है। वीआईपी आवागमन से लेकर आमजन की आवाजाही, रुकने की व्यवस्था, ट्रैफिक प्रबंधन आदि सभी क्षेत्रों में खासतौर से उत्तर प्रदेश प्रशासन ने सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में शत-प्रतिशत सफलता हासिल की। जिस तरह से प्रशासन द्वारा स्थिति को नियंत्रित किया गया, वह बेहद ही सराहनीय है। श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन 22 जनवरी को संपन्न हुआ। इसके लिए प्रशासन की ओर से मुस्तैदी के साथ भारी-भरकम तैयारियां की गई थीं। हालांकि, इस दौरान अप्रिय घटनाओं के अंदेशे के चलते स्थिति थोड़ी गंभीर रही, लेकिन अंततः आयोजन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। कार्यक्रम से पूर्व अयोध्या में तीन संदिग्ध आतंकी मिलने के बाद सुरक्षा व्यवस्था और भी चाक-चौबंद कर दिया गया था। प्रण प्रतिष्ठा आयोजन से पूर्व तैयारियों का जायजा लेने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले हनुमानगढ़ी के दर्शन करते हुए रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई थी। खालिस्तानी आतंकियों से जुड़े तीन संदिग्ध युवकों के पकड़े जाने के बाद सुरक्षा व्यवस्था का रिव्यू करते हुए एटीएस को हाई अलर्ट मोड में रखा गया था, जिसके बाद एटीएस के कमांडो ने वाहनों से रामनगरी की सुरक्षा परखते हुए नयाघाट से श्रीरामजन्मभूमि तक महत्वपूर्ण स्थानों पर निगरानी बढ़ा दी थी। इसी के साथ भव्य और दिव्य आयोजन में भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने मोबाइल टीमें मुस्तैद कर दी थीं, जिनमें शिफ्टवार विशेषज्ञ चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की गई थी। इस टीमों की तैनाती के साथ इन्हें अलर्ट मोड पर रखा गया था। स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर जानकारी देते हुए नोडल अधिकारी डॉ. राममणि शुक्ला ने बताया था कि ये स्वास्थ्य टीमें सीएमओ कार्यालय, सीएमओ आवास, बूथ नंबर चार, रामकथा संग्रहालय पर तैनात रहेंगी। प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी के लिए जिला प्रशासन ने कलेक्ट्रेट परिसर में निर्वाचन कार्यालय के पास नए भवन में कंट्रोल रूम का निर्माण करवाया था, जिसमें प्रभारी के साथ जिले स्तर के कई अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए गए थे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए जवानों की विभिन्न टुकड़ियां शामिल रहीं, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों की पुलिस के अलावा, आरआरएफ, एसएसबी, आईटीबीपी, पीएसी आदि जवान शामिल रहे। इनके पहुंचने के बाद नियुक्त अधिकारियों ने इन्हें कर्तव्यबोध कराते हुए तैनाती स्थल के लिए रवाना कर दिया था, ऐसे में उन्होंने आयोजन को सफल बनाने में अहम योगदान निभाया था। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर विभिन्न जिलों से लगभग 10,000 से अधिक जवानों को बुलाया गया था, जिनमें 100 से अधिक डीएसपी, 325 इंस्पेक्टर व 800 उपनिरीक्षक, वीआईपी सुरक्षा के लिए तीन डीआईजी, 17 एसपी, 40 एएसपी, 82 डीएसपी, 90 निरीक्षक आदि शामिल रहे। साथ ही अर्द्धसैनिक बलों की चार कंपनी, आरआरएफ, दो कंपनी एसएसबी, एक कंपनी आईटीबीपी व 26 कंपनी पीएसी के जवान भी सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर अयोध्या पहुंचे थे। बता दें कि, अयोध्या जिले से लेकर प्रदेश के विभिन्न जिला प्रशासन व आसपास के राज्यों के प्रदेश प्रशासन ने श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक आयोजन को भव्य व दिव्य बनाने में हरसंभव योगदान दिया। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था से लेकर आमजन के सुविधाजनक रूप से आवागमन के लिए भरपूर प्रयास किए और यह सभी के साझा सहयोग का ही नतीजा रहा कि आज भगवान श्रीराम का भव्य व दिव्य मंदिर हम सभी के समक्ष सनातन धर्म की महत्वता की भली-भांति व सादगी के साथ प्रतिबिंबित कर रहा है।

पांच राज्यों के एयरपोर्ट को किया गया था रिजर्व

मेहमानों के आगमन के अनुरूप लखनऊ में कुल 28 चार्टर्ड प्लेन आने का तय हुआ था, जिसमें से रविवार 21 जनवरी शाम तक 04 प्लेन आए। वहीं, बाकी प्लेन सोमवार 22 जनवरी सुबह तक पहुंचे। साथ ही ज्यादातर वीआईपी व वीवीआईपी मेहमान सीधे अयोध्या पहुंचे। बता दें कि, प्राण-प्रतिष्ठा आयोजन के अनुरूप पार्किंग के लिए 05 राज्यों के 12 एयरपोर्ट की पार्किंग रिजर्व की गई थी, जिनमें यूपी, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड शामिल थे। सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार व जनसेना पार्टी के संस्थापक पवन कल्याण के चार्टर्ड प्लेन कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट पर उतारे गए थे। सोमवार 22 जनवरी को लखनऊ एयरपोर्ट पर करीब 500 वीआईपी पहुंचे थे, जिनमें राजनेता, फिल्मी हस्तियां, उद्योगपति, बॉलीवुड गायक शामिल रहे। लखनऊ उतरने के बाद ये सभी हस्तियां सड़क मार्ग से 135 किमी का सफर तय करके अयोध्या पहुंचे। वीआईपी मेहमानों की सड़क मार्ग यात्रा सुविधाजनक बनाने के लिए लखनऊ से अयोध्या तक स्पेशल ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था और भारी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया गया था। Role administration in Pran Pratistha program

प्रशासन ने बुक किए थे बड़े होटल

22 जनवरी को अयोध्या स्थित राम मंदिर के श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा में देश दुनिया के तमाम मेहमान अयोध्या पहुंचे। ऐसे में एक ओर जहां अयोध्या जिला प्रशासन ने जिले के सभी होटलों में मेहमानों को ठहरने के इंतजाम किए, वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी प्रशासन ने जबरदस्त तैयारी करते हुए शहर के होटल बुक किए थे। ऐसे में लखनऊ जिला प्रशासन ने 20 जनवरी से 23 जनवरी के बीच लखनऊ के सभी होटल वालो से खाली कमरों की लिस्ट मांगी थी, ताकि लखनऊ में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मेहमानों को ठहरने का इंतजाम किया जा सके। इसको लेकर जिला प्रशासन ने कहा था कि वह लखनऊ में ठहरने वाले मेहमानों की व्यवस्था करने के बाद खाली बचे कमरों की सूची होटल प्रबंधन को सौंप देंगे, जिनको होटल संचालक बुक कर सकते हैं। वहीं, लखनऊ के सबसे बड़े होटलों में शुमार 116 कमरे वाले सेंट्रम होटल में भी 20 से 23 जनवरी की बुकिंग की गई थी। प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के दौरान आने वाले मेहमानों में उद्योगपति व मशहूर हस्तियों के साथ-साथ साधु संत भी शामिल थे, जिसके मद्देनजर होटल के कमरों को बुक कर राम धुन बजाई गई।

आरएसएस और विहिप का भी अहम योगदान

रामलला प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में आरएसएस और विहिप ने भी अहम योगदान निभाते हुए प्रशासन के साथ मिलकर आयोजन को भव्य व दिव्य बनाने में हरसंभव मदद की। दोनों संगठनों ने मिलकर एक ओर जहां घर-घर जाकर लोगों को इस अद्भुत आयोजन से जुड़ने के लिए संगठित करते हुए पूजित अक्षत कलश वितरित किए। वहीं, दूसरी ओर लखनऊ, आयोध्या से लेकर आस-पास के जनपदों में संघ व विहिप ने रामलला प्राण प्रतिष्ठआ कार्यक्रम में शामिल होने वाले विशिष्ठ अतिथियों, साधु-संतों व अन्य मेहमानों के लिए होटल में कमरे आदि बुक किए थे, जिससे उन्हें आयोजन में शामिल होने के लिए रात्रि विश्राम करने और ठहरने में आसानी हो। इस दौरान शामिल मेहमानों का सनातन रीति-रिवाज के तहत स्वागत व अभिनंदन किया गया। ऐसे में दो हिंदू संगठनों ने संतों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के लिए देशव्यापी भीड़ जुटाने में अग्रणी भूमिका निभाई। यह संभवतः पहली बार रहा जब सरकारी विभाग और राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े हिंदू संगठनों ने एक साथ मिलकर किसी आयोजन को भव्यता प्रदान की है। साथ ही आरएसएस, विहिप और भाजपा सहित अन्य हिंदू संगठनों ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 22 जनवरी को सुबह 11 बजे से दोपहर 03 बजे तक घरों में मिट्टी के दीपक जलाकर और पास के मंदिरों में जश्न मनाने के लिए आमजन को प्रेरित किया था। इस दौरान विहिप के मुख्य प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा था कि हमने देश के सभी परिवारों को 'अक्षत' देने और लोगों तक पहुंचने के लिए एक पखवाड़े का अभियान शुरू किया, जो कि बेहद सफल साबित हुआ। राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मंदिर निर्माण के लिए जन-जन के सहयोग का आभार व्यक्त किया था। बता दें कि, इस दौरान 20 लाख स्वयंसेवकों ने भारत के इतिहास के सबसे बड़े धन संचय अभियान में 12.7 करोड़ परिवारों से योगदान एकत्र किया था। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, अयोध्या धाम के कारसेवकपुरम में 1,000 लोगों के लिए रैनबसेरा का निर्माण किया गया था तथा इसके अलावा अन्य 850 लोगों के रुकने के लिए टिन के कंपार्टमेंट की व्यवस्था की गई थी, जहां 3,500 से अधिक संतो के ठहरने की व्यवस्था की गई थी। बता दें कि, आरएसएस और विहिप के सहयोग से इस समर्पण निधि के माध्यम से 5,000 करोड़ रुपए की नगद राशि सहित करीब 04 कुंतल चांदी और कुछ सौ ग्राम सोना राम भक्तों ने प्रभु श्रीराम को समर्पित किया था। आयोजन के मद्देनजर विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार के मुताबिक दुनिया के 56 देशों के 10 करोड़ घरों को प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण दिया गया था। इसके तहत समस्त जन टीवी पर लाइव प्रसारण के माध्यम से इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने। आमजन के अयोध्या धाम आगमन को सुचारु व सुगम बनाने को लेकर संघ व विहिप के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर सहयोग दिया। ऐसे में इस सहयोग के द्वारा ही भीड़ नियंत्रण से लेकर होटल बुकिंग और सड़क यात्रा से लेकर मेहमानों के स्वागत में भी विहिप व संघ कार्यकर्ताओं की प्रमुख उपस्थिति नजर आई। यह भी पढ़ेंः-लोकसभा चुनाव को लेकर, राजनीतिक दलों में बढ़ी हलचल प्रशासन द्वारा मेहमानों व संतो के ठहरने के लिए बुक किए गए होटलों में भी व्यवस्था को लेकर विहिप कार्यकर्ताओं ने विशेष योगदान दिया, जिसमें भोजन व रात्रि विश्राम इत्यादि से लेकर उनके आवागमन को सुचारू बनाना भी शामिल रहा। प्रदेश प्रशासन के अतिरिक्त इन संगठनों के कार्यकर्ताओँ ने भी रामलला प्राण प्रतिष्ठा आयोजन को महत्वता देते हुए अपने घर के आयोजन के रूप में इसमें योगदान दिया। जाहिर तौर पर यह भगवान श्रीराम के आशीर्वाद का ही नतीजा रहा कि सभी के सहयोग से कार्यक्रम का आयोजन भव्यता व दिव्यता के साथ संपन्न हुआ। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)