बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय के सिमरिया गंगा तट पर कल्पवास मेला नहीं लगने से जारी आक्रोश के बीच लोगों की भीड़ जुटने का सिलसिला लगातार जारी है। बिहार में कार्तिक महीने में गंगा स्नान का विशेष महत्व है जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग गंगा किनारे जुट रहे हैं। यहां वे स्नान-ध्यान के बाद मां गंगा की पूजा करने के साथ-साथ छठ के लिए गंगाजल ले जा रहे हैं।
सिमरिया में कल्पवास मेला पर रोक लगाए जाने को लेकर श्रद्धालुओं में काफी आक्रोश है। गुरुवार को भी यहां बेगूसराय के अलावा समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, जयनगर से लेकर नेपाल के साथ-साथ मगध क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोग जुटे तथा 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। मधुबनी से आयी राधा देवी, जानकी देवी, गीता देवी, विनोद झा, राधा रमण झा आदि का कहना था कि हम लोग प्रत्येक साल यहां सिमरिया में मां गंगा के तट पर रहकर आत्मिक शांति के लिए कल्पवास में शामिल होते थे, लेकिन इस साल जिला प्रशासन ने बेवजह कोरोना का डर दिखाकर कल्पवास पर रोक लगा दी है।
यह भी पढ़ें-यात्रियों को बड़ी राहत, लखनऊ होकर चलेंगी पूजा स्पेशल ट्रेनें, देखें लिस्टचुनावी सभा में हजारों की भीड़ जुटी, उसमें प्रशासन को कोरोना फैलने का खौफ नहीं दिखा, लेकिन श्रद्धा भक्ति के इस मेले पर रोक लगा दी गई है। यह सरकार और प्रशासन की मनमानी है। मेला नहीं लगने से मजबूर होकर हमारे मिथिला क्षेत्र से रोज श्रद्धालु आकर गंगा स्नान करने के बाद गंगा जल लेकर लौट रहे हैं। सरकार ने मेला पर भले ही रोक लगा दी है, लेकिन हमारे धर्म, संस्कृति, अध्यात्म और शांति पर कोई रोक नहीं लगा सकता है।