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IND vs SA: पूर्व कोच बोले- उपकप्‍तानी के दबाव में थे रहाणे, बोझ उतरते ही चलने लगा बल्‍ला

Christchurch: India's Ajinkya Rahane in action on Day 1 of the 2nd Test match between India and New Zealand at Hagley Oval in Christchurch, New Zealand on Feb 29, 2020. (Photo: Surjeet Yadav/IANS)

नई दिल्लीः उपकप्‍तानी से हटाए जाने के बाद अजिंक्‍य रहाणे रविवार को सेंचुरियन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ शुरू हुए बॉक्सिंग डे टेस्‍ट में पहली बार खेलने उतरे। वहीं रहाणे ने पहले दिन शानदार शुरुआत की और वह दिन का खेल खत्म होने तक 40 रन बनाकर नाबाद रहे। हालांकि फैन्‍स आशंका जता रहे थे कि विराट कोहली और राहुल द्रविड़ की जोड़ी शायद रहाणे नहीं बल्कि श्रेयस अय्यर को मौका देगी लेकिन विदेशों में शानदार प्रदर्शन के रिकॉर्ड ने कोहली और ट्रविड को सोचने पर मजबूर कर दिया। वहीं मौको को भुनाते हुए रहाणे ने वनडे के अंदाज में चौके लगाते हुए दिन का खेल खत्‍म होने तक 40 रन बनाकर नाबाद लौटे। ​इस दौरान, उन्होंने आठ चौके लगाए और अंतिम सत्र में सेंचुरियन केएल राहुल के साथ 73 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की।

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पूर्व कोच संजय बांगर ने की रहाणे की तारीफ

रहाणे के इस प्रदर्शन को देखते हुए भारत के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगर ने जमकर प्रशंसा की है। साथ ही, उन्होंने कहा कि अनुभवी बल्लेबाज ने सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट के पहले दिन उपकप्तानी से मुक्त होने के बाद अच्छा प्रदर्शन किया है। दरअसल टीम में उनकी जगह सवालों के घेरे में थी, क्योंकि वह दक्षिण अफ्रीका दौरे की अगुवाई में टेस्ट टीम की उपकप्तानी से हटाए गए थे। हालांकि, टीम प्रबंधन ने बॉक्सिंग डे टेस्ट के लिए रहाणे पर विश्वास जताया था और प्लेइंग इलेवन में जगह दी थी।

बांगर ने स्टार स्पोर्ट्स को बताया, "वास्तव में कभी-कभी कुछ घटनाएं आपको राहत दे जाती है। ऐसा ही रहाणे के साथ हुआ है। उनको उपकप्तान से हटाए जाने के बाद उनका बोझ को थोड़ा कम हुआ है।" उन्होंने कहा, "उन्हें उपकप्तानी से हटाए जाने के बाद उन्होंने अभी तक अच्छी बल्लेबाजी की है। उन्होंने सभी खराब गेंदों पर बाउंड्री लगाया है।"

बांगर के अनुसार, "रहाणे अपनी पारी की शुरुआत तेज करना पसंद करते हैं। उनकी पारी राहुल द्रविड़ की पारी की शुरुआत करने के तरीके से काफी मिलता-जुलता है। क्योंकि वह पारी की शुरुआत में जल्द ही 20 रन बनाना पसंद करते थे ताकि उन पर दबाव न पड़े। यही कारण है कि रहाणे भी उनकी तरह एक समान पैटर्न से खेलते हैं। सभी पारियों में जहां वह सफल रहे हैं, उन्होंने कुछ इसी तरह से शुरुआत की है।"

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