देश

तोड़फोड़ के खिलाफ रिलायंस जियो ने हाई कोर्ट में लगाई याचिका, जानें पूरा मामला

Hyderabad: CPI-M workers demand boycotting of Reliance and Adani products as they protest against the new farm laws and express solidarity towards the farmers' agitation, outside a Reliance store in Hyderabad on Dec 18, 2020. (Photo: IANS)

नई दिल्लीः रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने सोमवार को माननीय पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में अपनी सब्सिडयरी जियो इंफोकॉम के जरिये एक याचिका दायर कर शासन से उपद्रवियों द्वारा तोड़फोड़ की गैरकानूनी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उपद्रवियों द्वारा की गई तोड़फोड़ और हिंसक कार्रवाई से कंपनी के हजारों कर्मचारियों की जिन्दगी खतरे में पड़ गई है और साथ ही दोनों राज्यों में सहायक कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे महत्वपूर्ण कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर, सेल्स और सेवा आउटलेट के रोजमर्रा के कामों में व्यवधान पैदा हुआ है। आरआईएल ने एक बयान में कहा, तोड़फोड़ की इन कार्रवाइयों में संलिप्त उपद्रवियों को हमारे व्यावसायिक प्रतिद्वंदी तथा निहित स्वार्थी तत्व उकसा रहे हैं। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन का लाभ उठाते हुए इन निहित स्वार्थी तत्वों ने रिलायंस के खिलाफ लगातार एक कुटिल, दुर्भावना युक्त और विद्वेषपूर्ण अभियान चलाया है, जिसका सच से कोई वास्ता नही है।

माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष रखे गए निम्नलिखित अकाट्य तथ्यों से यह स्पष्ट हो जाता है कि इस अभियान का सत्य से दूर दूर तक कोई नाता नही है । इन तथ्यों से स्पष्ट है कि देश में वर्तमान में जिन तीन कृषि कानूनों पर बहस चल रही है, उनसे रिलायंस का कोई लेना-देना नहीं है, और न ही किसी भी तरह से उसे इनका लाभ पहुंचता है। कृषि कानूनों से रिलायंस का नाम जोड़ने का एकमात्र उद्देश्य हमारे व्यवसायों को नुकसान पहुंचाना और हमारी प्रतिष्ठा को तहस-नहस करना है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रिलायंस रिटेल लिमिटेड (आरआरएल), रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड (आरजेआईएल)और रिलायंस से जुड़ी कोई भी अन्य कंपनी न तो कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फामिर्ंग करती है और न ही करवाती है। और न ही भविष्य में इस बिजनेस में उतरने की कोई योजना है।

कॉपोर्रेट या कॉन्ट्रैक्ट खेती हेतु रिलायंस या रिलायंस की सहायक किसी भी कंपनी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती की कोई भी जमीन हरियाणा/पंजाब अथवा देश के किसी दूसरे हिस्से में नहीं खरीदी है, न ही भविष्य में भी ऐसा करने की कोई योजना है।

बयान के मुताबिक, भारत में संगठित खुदरा व्यापार में रिलायंस रिटेल एक अग्रणी कंपनी है। यह देश में दूसरी कंपनियों, निमार्ताओं और आपूर्तिकर्ताओं के विभिन्न ब्रांडों के खाद्य, अनाज, फल, सब्जियां और दैनिक उपयोग की वस्तुएं, परिधान, दवाएं, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों सहित सभी श्रेणियों के उत्पादों को बेचती है। यह किसानों से खाद्यान्न की सीधी खरीद नही करती। किसानों से अनुचित लाभ लेने के लिए कंपनी ने कभी भी दीर्घकालिक खरीद अनुबंध नहीं किए हैं, और न ही ऐसा चाहा कि इसके आपूर्तिकर्ता किसानों से उनके पारिश्रमिक मूल्य से कम पर माल खरीदें और न ही ऐसा कभी होगा।

130 करोड़ भारतीयों का पेट भरने वाले किसान अन्नदाता हैं और उनका हम सम्मान करते हैं। रिलायंस और उसके सहयोगी किसान को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसानों की सेवाओं के ग्राहक होने के नाते हम एक नए भारत में साझा समृद्धि, बराबर की भागीदारी, समावेशी विकास के आधार पर किसानों के साथ एक मजबूत और समान साझेदारी में विश्वास करते हैं।

इसलिए, रिलायंस और उसके सहयोगी कड़ी मेहनत, कल्पनाशीलता और समर्पण के साथ पैदा की गई उनकी उपज का किसानों को उचित और लाभदायक मूल्य मिले इसका पूरा समर्थन करते है। रिलायंस स्थायी आधार पर किसानों की आय में वृद्धि चाहता है, और इस लक्ष्य के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है। हम अपने आपूर्तिकर्ताओं को सख्ती से कहेंगे की वे सरकार द्वारा या किसी अन्य तंत्र द्वारा लागू या प्रस्तावित किसी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) या कृषि उपज के लिए तयशुदा आकर्षक मूल्य के आधार पर ही खरीद करें।

यह भी पढे़ंः-लाइफस्टाइल में करें थोड़े से बदलाव और डायबिटीज को कह दीजिए बाय बाय

जियो के 4जी नेटवर्क ने भारत के हर एक गांव को विश्व की सबसे सस्ती दरों पर विश्वस्तरीय डेटा कनेक्टिविटी प्रदान की है, इससे करोड़ों भारतीय किसानों को भी डिजिटल क्रांति का लाभ मिला है। केवल चार वर्षों की छोटी से अवधि में जियो भारत का सबसे बड़ा डिजिटल सेवा प्रदाता बन गया है, जिसके 40 करोड़ ग्राहक हैं। 31 अक्टूबर, 2020 तक जियो के पंजाब में 1 करोड़ 40 लाख (राज्य में लगभग 36 प्रतिशत ग्राहक) और हरियाणा में 94 लाख (राज्य में लगभग 34 प्रतिशत ग्राहक) हैं। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि निहित स्वार्थो के विपरीत जियो ने ग्राहकों को जोड़ने के लिए किसी भी जोर जबरदस्ती या गैरकानूनी उपायों का सहारा नहीं लिया है।