फीचर्ड आस्था

मौनी अमावस्या को बन रहा दुर्लभ संयोग, इस दिन कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए करें यह उपाय

नई दिल्लीः आमतौर पर अमावस्या तिथि एक ही होती है, लेकिन इस वर्ष ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के कारण दो अमावस्या तिथि पड़ रही हैं। हिंदू धर्म में सोमवार, मंगलवार और शनिवार की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन स्नान, दान और तप को बेहद लाभकारी माना जाता है। माघ मास में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी या माघ अमावस्या कहते हैं। ज्योतिषाचार्यो के अनुसार मौनी अमावस्या इस वर्ष एक फरवरी (मंगलवार) को लग रही है। इस साल मौनी अमावस्या के दिन महोदय नामक दुर्लभ योग भी बन रहा है। मंगलवार की अमावस्या को भौमावती अमावस्या कहते हैं।

पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 जनवरी को दोपहर 02 बजकर 19 मिनट पर हो रही है। यह समय देश के अलग अलग हिस्सों में थोड़ा आगे पीछे भी हो सकता है। अगर सोमवार को सूर्यास्त के पहले कुछ पल के लिए ही अगर अमावस्या तिथि लग रही है, तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर बाद लग रही है, ऐसे में इस तिथि में पितरों के कार्य किए जा सकते हैं। जिस दिन अमावस्या तिथि सुबह लग रही हो उस दिन देव पूजन के कार्य उत्तम माने जाते हैं। मंगलवार की रात को पंचक लग रहे हैं। स्नान व दान आदि की प्रक्रिया मंगलवार यानी एक फरवरी को जाएगी। मान्यता है कि इस दिन व्रत, पूजा-पाठ, दान और स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मंगलवार के दिन भगवान हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से मंगल ग्रह की स्थिति जन्मकुंडली में मजबूत व शुभ होती है। इस दिन कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए कुछ आसान उपाय भी बताए गए हैं। मौनी अमावस्या के दिन चांदी के नाग-नागिन की पूजा करना शुभ माना गया है। इससे सर्पदोष से राहत मिलती है। कालसर्प दोष की शांति के लिए आप निम्न उपाय कर सकते हैं।

यह भी पढ़ेः बिग बाॅस 15ः घर से बाहर आते ही तेजस्वी प्रकाश को करण कुंद्रा ने दिया सरप्राइज

1- मौनी अमावस्या के दिन चांदी के नाग-नागिन की पूजा करने से इस दोष से राहत मिलती है। पूजा के बाद नाग-नागिन के इन स्वरूपों को सफेद फूलों के साथ नदी में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
2- इस दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद भगवान शिव की पूजा करें। इसके बाद शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें। शिव कृपा से कालसर्प दोष दूर हो सकता है।
3- मौनी अमावस्या के दिन सायं के समय तुलसी के पौधे के समीप घी का दीपक लगाएं और 108 परिक्रमा करें। इससे जीवन में सात्विकता आने के साथ ही समस्त प्रकार के संकटों का नाश होता है।
4- घर के ईशान कोण में शाम को गाय के घी का दीपक जलाएं। दीपक में रुई की बत्ती की जगह लाल धागे का उपयोग करें। दीपक में केसर की पत्तियां डाल दें, इससे भी लाभ होगा।
5- इस दिन 1008 महामृत्युंजय मंत्र के जाप करते हुए भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक कराएं। इससे व्यक्ति के सुख-सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही आर्थिक संकटों का समाधान भी होगा।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर  पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)