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पूर्वी एशियाई देशों के साथ सामरिक साझेदारी बढ़ाने मंगोलिया जाएंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Rajnath Singh virtually dedicated to the nation 27 infrastructure projects built by Border Road Organisation (BRO)

नई दिल्लीः पूर्वी एशियाई देशों के साथ सामरिक साझेदारी को बढ़ावा देने के मकसद से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार से 07 सितंबर तक मंगोलिया की आधिकारिक यात्रा करेंगे। मंगोलिया की यह यात्रा किसी भी भारतीय रक्षा मंत्री की पहली है जो दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और सामरिक साझेदारी को मजबूत बनाएगी। यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह मंगोलिया के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल सैखानबयार के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वह मंगोलिया के राष्ट्रपति महामहिम यू खुरेलसुख और मंगोलिया के स्टेट ग्रेट खुराल के अध्यक्ष जी जंदनशतर से मुलाकात करेंगे। दोनों देशों के पूरे क्षेत्र में शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने के समान हित हैं।

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भारत और मंगोलिया एक सामरिक साझेदारी साझा करते हैं जिसमें रक्षा प्रमुख स्तंभ है। मंगोलिया के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंध, दोनों देशों के बीच व्यापक संपर्क से लेकर संयुक्त कार्य समूह की बैठक, सैन्य का आदान-प्रदान, उच्चस्तरीय यात्राएं, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम और द्विपक्षीय अभ्यास शामिल करने के साथ पिछले कुछ समय से विस्तार हो रहा है। द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों रक्षा मंत्री भारत और मंगोलिया के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की समीक्षा करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ बनाने के लिए नई पहलों की खोज करेंगे। दोनों नेता साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

1955 में दोनों देशों के बीच हुए थे राजनयिक संबंध

भारत ने दिसंबर 1955 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। भारत मंगोलिया के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला सोवियत गुट के बाहर का पहला देश था। तब से दोनों देशों के बीच 1973, 1994, 2001 और 2004 में आपसी मित्रता और सहयोग की संधियां हुई हैं। भारत ने 1961 में ताइवान और चीन के विरोध के बावजूद संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के लिए मंगोलिया की उम्मीदवारी को प्रायोजित किया। बदले में 1973 में मंगोलिया ने बांग्लादेश को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी। फरवरी, 1973 में तत्कालीन मंगोलियाई प्रधानमंत्री युमजागिन टेडेनबल की भारत यात्रा के दौरान संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए थे।

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