नई दिल्लीः भारत और चीन के तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख सीमा से जुड़े 44 पुलों का उद्घाटन किया है। इन सभी पुलों का निर्णाण अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में कराया गया है। इनके निर्माण में 286 करोड़ रुपए की लगात आई है। इन पुलों के निर्माण से सशस्त्र बलों के सैनिकों और हथियारों के आवागमन में मदद मिलेगी। सभी पुलों का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने किया है। इसके साथ रक्षा मंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में तवांग जाने वाली एक महत्वपूर्ण सड़क पर नेचिफू सुरंग की भी आधारशिला रखी।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने इन 44 पुलों में से जम्मू-कश्मीर में 10, लद्दाख में 8, हिमाचल प्रदेश में 2, पंजाब में 4, उत्तराखंड में 8, अरुणाचल प्रदेश में 8 और सिक्किम में 4 ब्रिज बनाए हैं। इन पुलों का उद्घाटन ऐसे समय में किया गया है, जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पांच माह से गतिरोध चल रहा है। इनमें ज्यादातर ब्रिज वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की ओर जाने वाले रास्तों पर बनाए गए हैं, इसलिए इनके शुरू होने से सीमावर्ती पहाड़ी इलाकों की कनेक्टिविटी में आसानी होगी। साथ ही रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होने के नाते ये सशस्त्र बलों के सैनिकों और हथियारों के आवागमन में मदद करेंगे। चीन के साथ सीमा पर तनाव के चलते इस समय भारतीय सेना लद्दाख से लेकर अरुणाचल और उत्तराखंड व सिक्किम में सतर्क हैं, ऐसे में इन पुलों के मिलने से सेना को काफी मदद पहुंचेगी।
रक्षा मंत्री ने मनाली-लेह मार्ग के पास दारचा में बने 360 मीटर लंबे पुल का भी उद्घाटन किया है। दारचा में बने इस पुल को बेहद मुश्किल हालातों के बीच तैयार कराया गया है। साल के कई महीने इस इलाके में माइनस में तापमान होता है। दारचा में बने इस पुल के जरिए इस इलाके में भारतीय सेना को सामरिक रूप से काफी मजबूती मिलेगी। चीन से तनातनी के बीच ये पुल लद्दाख के हिस्सों में मूवमेंट के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकेगा। रक्षा मंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में तवांग जाने वाली एक महत्वपूर्ण सड़क पर नेचिफू सुरंग की भी आधारशिला रखी। इसका निर्माण भी बीआरओ करेगा, जिसकी मदद से सेना के लिए सीमा तक जाना आसान होगा।
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इस समय लद्दाख सीमा पर चीन के साथ तनाव की स्थिति बरकरार है। इस बीच भारत की ओर से हर तरह की तैयारियां की जा रही है। एक तरफ सीमा पर जवानों की तैनाती बढ़ाई गई है तो सीमा तक पहुंचने के लिहाज से इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में आज देश को समर्पित किये गए 44 पुलों का सामरिक लिहाज से काफी महत्व है। इनमें से कुछ पुल नदियों को पार करने, पहाड़ियों को लांघने के लिए बनाये गए हैं। इन पुलों का उद्घाटन 24 सितम्बर को ही किया जाना था लेकिन उसी दिन केन्द्रीय मंत्री सुरेश अगड़ी का निधन हो जाने से यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था।