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महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन आक्रामक रहा विपक्ष, उठाया किसानों का मुद्दा

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मुंबई : महाराष्ट्र विधानमंडल के वर्षाकालीन अधिवेशन के पहले दिन आक्रामक विपक्ष ने विधानसभा में बारिश प्रभावित किसानों को तत्काल मदद करने की मांग की। महाविकास आघाड़ी के तीनों सहयोगी दलों के विधायकों ने विधानभवन की सीढ़ियों पर बैठकर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। मुंबई में विधानमंडल के वर्षाकालीन अधिवेशन के पहले दिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने विधानसभा में कहा कि सूबे के गढ़चिरौली, चंद्रपुर यहां तक उपमुख्यमंत्री का नागपुर जिले में भारी बारिश की वजह लोगों में त्राहि- त्राहि मची हुई है। इसलिए सभागृह में सभी कामकाज रोककर सिर्फ बारिश पर चर्चा की जानी चाहिए और बारिश प्रभावितों को तत्काल मदद की जानी चाहिए।

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इसके बाद उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बारिश प्रभावित जिलों में नुकसान का जायजा लिया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि विपक्ष को आज सदन में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के अभिनंदन प्रस्ताव पर चर्चा करनी चाहिए। बारिश प्रभावित किसानों पर गुरुवार को चर्चा किए जाने का समय दिया जाएगा। अध्यक्ष की बात को मानते हुए विपक्ष कामकाज में शामिल हुआ।

मुंबई में हो रहे वर्षाकालीन अधिवेशन के पहले दिन सुबह 10 बजे ही विपक्षी विधायकों ने विधानभवन परिसर में इकट्ठा होकर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विपक्षी विधायकों ने राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार को आए 45 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिए गए हैं। राज्य की कानून व्यवस्था चरमरा गई है। सरकार विपक्ष को दबाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। विपक्षी विधायकों ने कहा कि राज्य में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, लेकिन सरकार की ओर से प्रभावित किसानों को किसी भी तरह की मदद नहीं दी जा रही है। विपक्षी विधायकों ने राज्य सरकार को असंवैधानिक बताते हुए शिंदे समूह पर बेईमानी कर सरकार बनाने का भी तंज कसा।

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