
रायबरेलीः यूक्रेन पर हो रहे ताबड़तोड़ हमले के बाद हालात भयावह हैं। वहां फंसे मेडिकल छात्र बंकरों में दुबकने को मजबूर हैं और भारत सरकार से सुरक्षित निकालने की गुहार लगा रहे हैं। रायबरेली के भी कई छात्र यूक्रेन के विभिन्न शहरों में इस समय फंसे हुए हैं। कीव में मेडिकल फोर्थ ईयर के छात्र सालोंन निवासी असद ने एक वीडियो जारी कर अपनी आपबीती सुनाई है और कहा है कि ''हालात बहुत बुरे हैं, पता नहीं कि कल का सूरज देख पाऊंगा''।
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मेडिकल छात्र ने वीडियो में बताया कि फाइटर प्लेन लगातार उड़ रहे हैं और भोर से ही धमाके शुरू हो जाते हैं। वह कुछ अन्य छात्रों के साथ बंकर में हैं और अब तो खाने पीने का समान भी खत्म हो रहा है। छात्र ने भारत सरकार से सुरक्षित निकालने की गुहार लगाई है। इसके साथ ही इवानो शहर में आचार्य द्विवेदी नगर निवासी प्रवीण सिंह, बछरावां के अभिषेक, महराजगंज के नितिन, खारकीव में सलोन की श्रुति और अंशदीप सहित कई छात्र हैं जो दहशत और आशंका के बीच बंकर में रहने को मजबूर हैं।
हालांकि सकून की बात यह है कि भारतीय दूतावास इन सभी छात्रों के सम्पर्क में हैं और कॉलेज प्रशासन हर संभव मदद की कोशिशें कर रहा है। इन छात्रों के परिजनों के हवाले से बताया गया कि दूतावास के अधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया है कि सभी से सम्पर्क है, यूक्रेन में हवाई सेवा बाधित है इसलिए इन सभी को रोमानिया, लातविया सहित अन्य देशों के रास्ते सभी को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है।
वहीं यूक्रेन में छात्र लगातार हो रही बमबारी के चलते डर के साये में हैं। एक अन्य छात्र हेमंत ने यूक्रेन से एक वीडियो जारी कर बताया है कि यहां के हालात लगातार खराब हो रहे हैं। सभी छात्र और आम नागरिक डर के साए में हैं। लोग जान बचाने के लिए बंकर और अंडरग्राउंड बने मेट्रो में छिप रहे हैं। मेट्रो स्टेशन के अंदर बमबारी से सुरक्षा है, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं है। लोग फर्श पर बैठकर या खड़े होकर समय गुजार रहे हैं।
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