तिरुवनंतपुरम: प्रवर्तन निदेशालय और एनआईए अधिकारियों की एक संयुक्त टीम द्वारा गुरुवार तड़के जिस तरह से पीएफआई के शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार किया गया। उसके विरोध में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की केरल इकाई ने शुक्रवार को सुबह से शाम तक केरल बंद का आह्वान किया है। 22 शीर्ष नेताओं को हिरासत में लिए जाने के बाद पीएफआई के महासचिव अब्दुल सथर और अन्य नेताओं द्वारा बंद का आह्वान किया गया। जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनमें चेयरमैन ओएमए सलाम, नसरुद्दीन एलमारम, पी. कोया और कई अन्य शामिल हैं। बुनियादी और आवश्यक सेवाओं को बंद से बाहर रखा गया है।
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केंद्रीय सुरक्षा बलों की मदद से पीएफआई के कई ठीकानों में छापे मारे गए और ऐसी खबरें हैं कि केरल पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई थी। लेकिन, यह नहीं बताया गया था कि वास्तव में मिशन क्या है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर सुरक्षा बल की कुछ बटालियनों को तैयार रहने के लिए कहा गया था। जबकि गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों को दिल्ली ले जाया जा चुका है, लगभग एक दर्जन को कोच्चि में एनआईए अदालत के सामने पेश किए जाने की उम्मीद है।
पीएफआई ने बताया मानवाधिकाराें का उल्लंघन -
पीएफआई के महासचिव अब्दुल सथर ने कहा कि यह बुनियादी मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है और आरएसएस के इशारों पर ये सब किया जा रहा है। केंद्रीय एजेंसियों ने हमारे कई नेताओं को हिरासत में लिया है। हमें यकीन है कि लोकतंत्र को प्यार करने वाले सभी लोग इसका विरोध करेंगे। विरोध करने के लिए राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया गया है। जो शुक्रवार को जारी रहेगा। सभी की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि बंद का असर कितना देखने को मिलेगा। क्योंकि, केरल में सामान्य बंद का आह्वान किया गया है, जिसका मतलबा है कि दुकानें, कार्यालय, बाजार बंद रहेंगे और सार्वजनिक सड़क परिवहन वाहन पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
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