वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में पर्यटन का एक नया अध्याय लिख रहे हैं, जिसकी शुरुआत 13 जनवरी शुक्रवार को काशी के उत्तर वाहिनी गंगा के रेती से होगी। गंगा की रेत में तंबुओं का शहर बनकर तैयार है। टेंट सिटी पूर्वांचल के पर्यटन उद्योग को शिखर पर ले जाने का काम करेगा जिससे स्थानीय लोगों को बड़ी तादाद में रोजगार मिलेगा। साथ-साथ पूर्वांचल के उत्पादों को नया बाजार उपलब्ध होगा। टेंट सिटी का वर्चुअल उद्घाटन 13 जनवरी को वाराणसी के सांसद एवं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
टेंट सिटी में मिलेंगी ये सुविधाएंः मकर संक्रांति पर उत्तरायण हो रहे सूर्य के साथ काशी के पूर्वी तट पर गंगा पार रेत में तंबुओं का शहर शुरू हो रहा है। जहां धर्म, संस्कृति, अध्यात्म और कला की गंगा बहेगी। वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल ने बताया कि 10 हेक्टेयर प्रति क्लस्टर स्थापित किए जाने वाले टेंट की संख्या 200 है। टेंट के 03 क्लस्टर स्थापित किए जाने वाले टेंट के प्रकार विला 900 वर्गफीट 10 प्रतिशत, सुपर डीलक्स 480-580 वर्ग फीट 50 प्रतिशत, डीलक्स 250-400 वर्ग फीट 40 प्रतिशत। टेंट सिटी के 01 क्लस्टर में 200 व्यक्तियों के ठहरने की सुविधा के लिए स्विस कॉटेज, रिसेप्शन एरिया, गेमिंग जोन, रेस्टोरेंट, डायनिंग एरिया, कॉन्फ्रेंस स्थल, स्पॉ एवं योगा केन्द्र, लाइब्रेरी एवं आर्ट गैलरी के अतिरिक्त वॉटर स्पोर्टस, कैमल, हार्स राइडिंग आदि तथा अन्य सांस्कृतिक एवं स्पोर्ट्स गतिविधियां होगी।
मांस-मदिरा का सेवन पूरी तरह प्रतिबंधितः विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने बताया कि टेंट सिटी में मांस मदिरा का सेवन पूरी तरह प्रतिबंधित है। पानी के लिए सरकार ने बोरिंग कराया है, बिजली के तार पहुंचाए गये हैं। सीवर लाइन बिछाई गयी है। टेंट सिटी से निकलने वाले सीवर को पंप कर के सीधे रामनगर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ले जाया जाएगा। साफ सफाई के लिए नगर निगम के लोग तैनात किये गये हैं। उन्होंने बताया कि टेंट सिटी की सुरक्षा के लिए अस्थाई पुलिस चौकी रहेगी। बाढ़ के समय कुछ महीनों के लिए टेंट सिटी को यहां से हटा लिया जाएगा।
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खास आकर्षण वाला लग्जीरियस टेंट है गंगा दर्शन विला -
मेसर्स प्रावेग कम्युनिकेशंस (इंडिया) लिमिटेड की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर प्रोलिना बराड़ा ने बताया की उन्होंने 140 टेंट बनाये हैं। टेंट सिटी में लगभग वे सभी सुविधाएं मिलेंगी जो एक अच्छे लग्जीरियस होटल में मिलती है। निजी बीच के साथ गंगा दर्शन विला उनका खास आकर्षण वाला लग्जीरियस टेंट है। इसके अलावा अन्य टेंट कॉटेज भी है। ख़ास बनारसी खानपान होगा। इसके अलावा ख़ास थीम पर लाइटिंग और डेकोरेशन होगा। ऐतिहासिक घाटों, गंगा और पूरे टेंट सिटी का नज़ारा देखने के लिए स्टेनलेस स्टील का 32 फीट ऊंचा गंगा वाच टावर बनाया जाएगा। जहां से पर्यटक घाटों और गंगा का एरियल व्यू देख सकेंगे। पर्यटक गंगा आरती के साथ आरती कर भी सकेंगे। वहीं एक बड़ा डाइनिंग हाल और कांफ्रेंस के लिए बड़ा और सुविधा युक्त हाल होगा, जहां 800 डेलीगेट्स एक साथ आ सकते हैं।
सिक्योरिटी और एंबुलेंस की भी होगी व्यवस्था -
लल्लूजी एंड संस के पार्टनर हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि उनके क्लस्टर के सभी 125 टेंट से बाहर निकलते ही गंगा का दर्शन होगा। पूरे टेंट सिटी में काशी का एहसास दिलाने के लिए गीत संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम और बनारस के खान पान का विशेष ध्यान रखा गया है। इनडोर और आउटडोर गेम के भी इंतज़ाम हैं। दोनों ही क्लस्टर में फ्लोटिंग जेटी पर बाथ कुंड होगा। आर्ट एंड क्राफ्ट की दुकानें होंगी जो स्थानीय उत्पादों को नया बाजार उपलब्ध कराएगा। सुरक्षा के लिए निजी गार्ड के अलावा सीसीटीवी से निगरानी करेंगे। टेंट सिटी में ही फर्स्ट एड की सुविधा होगी। जरूरत पड़ने पर एम्बुलेंस से अस्पताल भेजने की सुविधा भी होगी।
कछुआ सेंचुरी की रुकावट दूर होने के बाद टेंट सिटी ने लिया आकार -
प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों ने बनारस में पर्यटन उद्योग को लेकर कोई ठोस योज़ना नहीं बनाई थी। पहले कछुआ सेंचुरी के कारण गंगा पार रेती में किसी तरह के आयोजन पर एनजीटी का आदेश आड़े आ रहा था लेकिन भाजपा सरकार के प्रयास से कछुआ सेंचुरी शिफ़्ट होने के बाद इस समस्या का भी समाधान हो गया है। और गंगा पार फैली रेती को पर्यटन का नया केंद्र बनाने की तैयारी शुरू हो गई है।
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