
भुज : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का संकल्प लिया। कच्छ के एक दिवसीय दौरे पर आए प्रधानमंत्री ने कहा, "2001 के विनाशकारी भूकंप के बाद, मैंने जिले को विकसित करने का आश्वासन दिया था और 2022 में, देखें कि यह कितना अच्छा विकसित हुआ है। आज मैं 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का वादा कर रहा हूं और जरूर करूंगा।" इससे पहले उन्होंने भुज में 'स्मृति वन' और अंजार में 'वीर बालक स्मारक' देश को समर्पित किया, जो भीषण भूकंप में मारे गए लोगों की याद में बनाया गया है। उन्होंने कहा कि ये दो स्मारक कच्छ को जापान के हिरोशिमा संग्रहालय की तरह दुनिया के नक्शे पर लाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह दिल्ली में थे, जब भूकंप आया लेकिन अगले ही दिन गुजरात पहुंचे। उन्होंने कहा कि गुजरात आपदा प्रबंधन अधिनियम पेश करने वाला पहला राज्य था, जिससे बाद में पूरा देश प्रेरित हुआ। रविवार सुबह, उन्होंने नई परियोजनाओं की नींव रखी और 5,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को देश को समर्पित किया। पीएम ने कहा कि सरहद डेयरी का उद्घाटन तब हुआ, जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे। उस समय इसका दैनिक दूध संग्रह 1,400 लीटर था, जो बढ़कर 5 लाख लीटर प्रतिदिन हो गया है। दुग्ध उत्पादक डेयरी में दूध का योगदान कर 800 करोड़ रुपये कमा रहे हैं।
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पिछले 20 वर्षों में, कच्छ को 45 नए कॉलेज, 1,000 नए स्कूल, 250 अस्पताल और हजारों चेक डैम मिले हैं। मोदी ने कहा कि इसे देश का पहला भूकंपरोधी अस्पताल मिला है। उन्होंने कच्छ के अपने सभी पुराने दोस्तों को याद किया जिन्होंने इसके विकास में योगदान दिया।
'साइलेंट क्रांति' ला रहे हैं इलेक्ट्रिक वाहन -
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को इलेक्ट्रिक वाहनों को ध्वनि प्रदूषण से निजात दिलाने का सबसे बड़ा जरिया बताया और कहा कि ई-वाहनों से सड़कों पर ‘साइलेंट क्रांति’ आएगी। उन्होंने कहा कि ई-वाहनों की खासियत होती है कि वे शोर नहीं करते हैं। भारत में चार पहिया वाहन निर्माता कंपनी सुजुकी के 40 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री रविवार को गांधीनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने इससे पहले भारत में सुजुकी समूह की दो प्रमुख परियोजनाओं गुजरात के हंसलपुर में सुजुकी मोटर गुजरात इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी मैन्युफैक्चरिंग इकाई और हरियाणा के खरखोदा में मारुति सुजुकी की आगामी वाहन निर्माण इकाई की आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री ने कहा, “इलेक्ट्रिक वाहनों की एक बड़ी खासियत ये होती है कि वो साइलेंट होते हैं। 2 पहिया हो या 4 पहिया, वो कोई शोर नहीं करते। ये साइलेंस केवल इसकी इंजीनियरिंग का ही नहीं है, बल्कि ये देश में एक ‘साइलेंट क्रांति’ के आने की शुरुआत भी है।” उन्होंने कहा कि आज भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार जितनी तेजी से बड़ा हो रहा है, कुछ वर्ष पहले तक उसकी कल्पना भी नहीं होती थी। आज लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को एक एक्स्ट्रा व्हीकल नहीं समझ रहे हैं, बल्कि उसे प्रमुख साधन मानने लगे हैं। देश भी पिछले 8 वर्षों से इस बदलाव की जमीन तैयार कर रहा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-वाहनों की मांग बढ़ाने के लिए सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने सीओपी-26 में ये घोषणा की है कि वो 2030 तक अपनी स्थापित विद्युत क्षमता की 50 प्रतिशत क्षमता गैर-जीवाश्म स्रोत से हासिल करेगा। हमने 2070 के लिए ‘नेट ज़ीरो’ का लक्ष्य तय किया है।
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