नई दिल्ली: सब्जी बाजार में पिछले कुछ दिनों से टमाटर की कीमत में आई तेजी ने आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। सर्दी के मौसम में आमतौर पर 20 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिकने वाला टमाटर इस बार 80 से 100 रुपये प्रति किलो तक महंगा हो गया। लोगों के खाने की थाली से टमाटर की लाली गायब होने लगी, लेकिन खाद्य मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि टमाटर की महंगाई अस्थाई है। इसकी कीमत में अगले तीन-चार दिनों में ही गिरावट आ जाएगी।
मंत्रालय की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक नवंबर महीने में आमतौर पर मंडियों में तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से सबसे अधिक मात्रा में टमाटर की आवक होती है। इसके अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान से भी सीमित मात्रा में टमाटर की आवक शुरू हो जाती है, लेकिन इस साल लौटते मानसून ने दक्षिण भारत में जिस तरह से विनाशलीला मचाई, उससे आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में टमाटर की खड़ी फसल बर्बाद हो गई। इसकी वजह से इन तीनों राज्यों से मंडियों में होने वाली टमाटर की सप्लाई बुरी तरह से प्रभावित हुई। फिलहाल ज्यादातर मंडियों में मध्य प्रदेश और राजस्थान से सीमित मात्रा में आने वाले टमाटर की सप्लाई हो रही है। इसकी वजह से टमाटर की कीमत में जोरदार तेजी आ गई है।
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खाद्य मंत्रालय के मुताबिक अगले तीन-चार दिनों में उत्तर भारत के राज्यों में भी टमाटर की फसल तैयार हो जाएगी। इसके बाद इन राज्यों से भी मंडियों में टमाटर की आवक शुरू हो जाएगी। मंडियों में होने वाली इस आवक के कारण टमाटर की तेज हो गई कीमत पर भी लगाम लग सकेगा। हालांकि आज भी दिल्ली के थोक बाजार में टमाटर की कीमत 35 से 40 रुपये प्रति किलो तक आ गई है। दिल्ली में गाजीपुर सब्जी मंडी के एक सब्जी विक्रेता के मुताबिक टमाटर की आवक बढ़ने लगी है, जिसकी वजह से इसकी कीमत में भी गिरावट की शुरुआत हो गई है। दावा किया जा रहा है कि उत्तर भारत के राज्यों में टमाटर की बंपर फसल हुई है, जिसकी वजह से दिसंबर के महीने में सब्जी मंडियों में टमाटर की भरमार हो जाएगी। ऐसा होने पर कुछ ही दिनों में टमाटर एक बार फिर आम लोगों की पहुंच में आ जाएगा।
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