कोलंबोः भीषण आर्थिक व राजनीतिक संकट झेल रहे श्रीलंका में नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने सेना को सक्रिय कर दिया है। सेना ने तेज कार्रवाई करते हुए राष्ट्रपति सचिवालय को अपने कब्जे में ले लिया है। इस त्वरित सैन्य कार्रवाई का विरोध करते हुए अमेरिका ने अधिकारियों से संयम बरतने को कहा है। श्रीलंका में बड़ी संख्या में आंदोलनकारी राष्ट्रपति सचिवालय सहित देश की प्रमुख सरकारी इमारतों पर कब्जा किए हुए थे।
संसद में मतदान के बाद राष्ट्रपति बने रानिल विक्रमसिंघे के निर्देश पर सेना सक्रिय हुई और प्रदर्शनकारियों के शिविरों पर धावा बोल दिया। उन्हें खदेड़ कर सेना ने राष्ट्रपति सचिवालय को अपने कब्जे में ले लिया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सुरक्षाकर्मियों ने शुक्रवार तड़के राजधानी में सरकार विरोधी धरना शिविर पर छापा मारा। राष्ट्रपति सचिवालय परिसर के बाहर सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों द्वारा प्रदर्शनकारियों के टेंट तोड़ दिए गए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और सेना के बीच झड़पें भी हुईं। प्रदर्शनकारियों पर हुई सैन्य कार्रवाई का अमेरिका की ओर से विरोध किया गया है।
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कोलंबो में अमेरिकी राजदूत जूली चुन ने आधी रात में गाले फेस में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ श्रीलंकाई सुरक्षाकर्मियों द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की। चुन ने सेना से संयम बरतने और घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की मांग की। राजदूत चुंग ने ट्वीट कर कहा कि वे आधी रात में गाले फेस में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में बहुत चिंतित हैं।
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