नई दिल्लीः होली खुशियों और मस्ती का त्योहार है। लाजिमी है, इस खुशी और उमंग से गर्भवती महिलाएं क्यों पीछे रहें। इसका हर कोई अपने परिवार तथा दोस्तों के साथ लुत्फ उठाना चाहता है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को खान-पान का भी खास ख्याल रखना बेहद आवश्यक है। गर्भवती महिलाओं में प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, ऐसे में बीमारियों और इंफेक्शन का खतरा भी उन्हें अधिक होता है।
साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान आपकी स्किन भी बेहद सेंसिटिव रहती है। इस कारण जिन रंगों से सामान्य लोगों को कोई परेशानी नहीं होती है, उन रंगों के प्रति भी गर्भवती महिलाएं संवेदनशील हो सकती हैं। बाजार में आमतौर पर मिलने वाले रंगों में सिंथेटिक, इंडस्ट्रियल डाई और ऑक्सिडाइज्ड मेटल होता है। ऐसे में ये रंग होने वाले बच्चे के नर्वस सिस्टम और सांस से संबंधित रेस्पिरेटरी सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इतना ही नहीं केमिकल वाले रंगों की वजह से मिसकैरेज, प्री मेच्योर डिलिवरी और जन्म के वक्त बच्चे का वजन कम होना जैसी गंभीर दिक्कतें भी हो सकती हैं।
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खान-पान का भी रखें ध्यान
गर्भवर्ती महिलाओं को शराब और धूम्रपान से दूर रहना चाहिए। यूं तो केमिकल युक्त रंग और मिलावटी मिठाइयां किसी के लिए खतरनाक हो सकती हैं पर गर्भवती महिलाओं को खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है ये चीजें गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे, दोनों ही के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती हैं।
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