
लखनऊः यूपी में कोरोना का संकट कम होते ही गांवों में चुनाव की चर्चाएं सुनाई पड़ने लगी हैं। ग्राम पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवार पूरी तरह से मैदान में आने को तैयार हैंै। यही नहीं सरकारी अधिकारी भी अपनी तैयारी को अंतिम रूप देने में लगे हैं। इस बीच ईवीएम और मतपेटियां फिट करना बड़ी जिम्मेदारी है, जिसके लिए अधिकारी दिनों-रात लगे हुए हैं। इस साल 25 दिसंबर को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, इसलिए उनके पास भी ज्यादा समय नहीं है। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के वोटर पुनरीक्षण के बीच इलेक्शन की तैयारियों में जिला प्रशासन जुट गया है।
लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ, सीतापुर, कौशांबी, झांसी, वाराणसी, औरैया, मऊ सहित कई जिलों में पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां चल रही हैं। वोटिंग के लिए सालों से बेकार पड़ी मतपेटिकाओं की साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि शासन से निर्देश मिलते ही इनके रंग-रोगन का काम शुरू किया जा रहा है। निर्वाचन आयोग द्वारा इस बार तमाम स्थानों पर पंचायत चुनाव बैलट पेपर के जरिए कराने के संकेत दे रहा हैं। इनको मौका न मिलने पर भी आयोग अपनी तैयारी पूरी करने में लगा है।
इस समय राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश के निर्देश पर ग्राम पंचायत निर्वाचन नामावली का वृहद पुनरीक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है। नवंबर माह के अंत तक बीएलओ घर-घर जाकर नए मतदाताओं को जोड़ने व मृतक मतदाताओं का नाम विलोपन का कार्य पूरा करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि सभी जिलों में तैयार पुनरीक्षण सूची कंप्यूटर में फीडिंग कर 29 दिसंबर को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। 25 दिसंबर को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। इसके मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर तेजी से आवश्यक सभी प्रपत्र तैयार किए जा रहे हैं।
चुनाव की तिथियांें पर चल रहा है मंथन
अब चुनाव की प्रशासनिक तैयारियों के बीच तारीखों पर मंथन शुरू हो गया है। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि चुनाव कब होंगे। बताया जा रहा है कि इस बार पंचायत चुनाव फरवरी में करवाए जा सकते हैं। सरकार के स्तर पर फरवरी और मई की कुछ तारीखों पर मंथन किया जा रहा है। इसमें लोगों का सुझाव है कि मई में गर्मी ज्यादा पड़ेगी। इस वजह से चुनाव फरवरी में बोर्ड परीक्षा से पहले करवा लिए जाएं।
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चुनाव आयोग की तरफ से बीएलओ व अन्य कार्मिकों के लिए गाइड लाइन-वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के काम में लगे बीएलओ व अन्य कार्मिकों को अपने मोबाईल फोन पर आरोग्य सेतु डाउनलोड आवश्यक किया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन आयोग को कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था। इसके अंतर्गत मतदाता सूची पुनरीक्षण के तहत डोर टू डोर सर्वे भी पूरा हो चुका है।