भोपालः चुनावी राज्य मध्य प्रदेश के सागर जिले में 18 साल के दलित युवक की हत्या (murder of dalit youth) के बाद राजनीति गरमा गई है। दलित युवक की हत्या के बाद शिवराज सरकार विपक्ष के निशाने पर है। विपक्ष के निशाने पर आए बीजेपी के वरिष्ठ नेता और शहरी विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि घटना का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। जिस गांव में यह वारदात हुई वह एमपी के कैबिनेट मंत्री भूपेन्द्र सिंह के खुरई विधानसभा क्षेत्र है। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए भूपेन्द्र ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की जा रह है।
मंत्री ने यह भी कहा कि यह दलित उत्पीड़न का मामला नहीं है, बल्कि दो पक्षों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद है। सिंह ने कहा, यह दलितों पर अत्याचार का मामला नहीं है। दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था जिसके कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। इस घटना ने चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है और कांग्रेस ने दलितों के खिलाफ अत्याचार को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा है।
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भाजपा ने अत्याचार के लिए राज्य को बना दिया प्रयोगशाला
पिछले हफ्ते सागर में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करने गए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा ने राज्य को समुदाय पर अत्याचार की प्रयोगशाला बना दिया है। खड़गे ने रविवार को कहा, मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। बदमाशों ने उसकी मां को भी नहीं बख्शा। सागर में संत रविदास मंदिर बनाने का दिखावा करने वाले प्रधानमंत्री को मध्य प्रदेश में दलितों और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार और अन्याय पर जरा भी शर्म नहीं आती।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अगस्त को सागर आए थे और संत रविदास के मंदिर की आधारशिला रखी थी। उन्होंने एक विशाल रैली को भी संबोधित किया। सागर जिले के एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार को कहा था कि हत्या, यौन उत्पीड़न और जानबूझकर चोट पहुंचाने से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत अब तक ओबीसी समुदाय और अल्पसंख्यक समुदाय के कम से कम नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी विक्रम सिंह (28) के नेतृत्व में लोगों के एक समूह ने गुरुवार देर रात 20 साल के नितिन अहिरवार के घर में घुसकर उस पर उनकी बहन द्वारा 2019 दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले को वापस लेने का दबाव बनाया। अहिरवार ने मना किया तो हमलावरों ने उस पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस हमले गंभीर रूप से घायल दलित युवक को हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दलित युवक (murder of dalit youth) को मृत घोषित कर दिया।
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