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टीएमसी, आप और डीएमके सहित कई राजनीतिक दलों ने की जातीय जनगणना की वकालत

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Census   नई दिल्लीः तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम के स्टालिन के नेतृत्व में गठित अखिल भारतीय सामाजिक न्याय मोर्चा में शामिल हुए कई विपक्षी दलों ने जातीय जनगणना करवाने की वकालत की है। सोमवार को महाराष्ट्र सदन में जुटे वाम दल, जदयू, आप, कांग्रेस पार्टी के नेता सहित कई दलों के नेताओं ने सरकार से जातीय आधार पर जनगणना करवाने की मांग रखी। इस सम्मेलन में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, टीएमसी के नेता डेरिक ओबेरॉयन, एनसीपी के नेता छगन भुजबल, फारुख अब्दुल्ला सहित कई नेताओं ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के साथ जुड़ कर जातीय जनगणना की मांग रखी। सम्मेलन में आप के नेता संजय सिंह ने कहा कि आजादी के 75 साल के बाद भी देश में सामाजिक लड़ाई जारी है। सरकार ने साल 2011 के बाद कोई जनगणना नहीं करवाई। देश में जाति आधारित जनगणना करवाई जानी चाहिए। केन्द्र सरकार इससे भाग रही है। आगामी आम चुनावों के मद्देनजर सम्मेलन को एक मोर्चे के रूप में देखे जाने के सवाल पर संजय सिंह ने कहा कि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है, देश में आज भी पिछड़़ी जाति के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है, आजादी के 75 साल के बाद भी हाथरस कांड होता है, पिछड़ी जाति, दलित लोगों को आज भी कई तरह के अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। यहां सभी नेता सामाजिक न्याय के लिए एक जुट हो रहे हैं और अपनी बात को कह रहे हैं। वहीं, टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भी जातीय आधार पर जनगणना करवाने की बात कही। एनसीपी नेता छगन भुजबल ने सभी विपक्षी दलों को इस मुद्दे पर एकजुट होने की मांग की। उन्होंने कहा कि नवीन पटनायक, जगन रेड्डी को भी इस मुहिम में सामाजिक न्याय मोर्चा के साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में पिछड़ी जाति के लोगों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण को हर हाल में बहाल करना चाहिए। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)