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कन्नौज जा रहे अखिलेश को पुलिस ने लिया हिरासत में, बोले- लोकतंत्र की हत्या

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लखनऊः कन्नौज में समाजवादी पार्टी की किसान यात्रा में शामिल होने से रोके जाने के बाद धरना दे रहे अखिलेश यादव व अन्य नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सोमवार को कन्नौज में विरोध प्रदर्शन करने जा रहे सपा प्रमुख अखिलेश यादव को पुलिस ने रोका, जिसके बाद वह धरने पर बैठ गए। उनके वाहनों को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।

इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा ने कोरोना वायरस को एक बहाना बनाया है। भाजपा के लिए किसी भी कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए कोरोना वायरस कहीं पर भी नहीं है। लेकिन, विपक्ष अगर कहीं पर भी कुछ करता है तो सरकार कोरोना का बहाना बना लेती है। अब तो यह सरकार भरपूर तानाशाही कर रही है। हर जगह पर पुलिस के दम पर हमें रोका जा रहा है। भाजपा सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है। सरकार किसानों की नहीं सुन रही है। किसान, गरीब, मजदूर सब परेशान हैं।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी लेकिन, अब कृषि कानून लाकर उन्हें कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम कन्नौज जा रहे हैं। अगर हमें जेल भेजा जाएगा तो हम उसके लिए भी तैयार हैं। हम किसानों को जागरुक करते रहेंगे। अखिलेश को हिरासत में लेने के बाद पार्टी नेताओं ने नाराजगी जतायी। उन्होंने कहा कि समाजवादी अन्नदाता से अन्याय के खिलाफ अंतिम सांस तक संघर्षरत रहेंगे। किसान यात्रा को रोकने के लिए सत्ता दमन की हर सीमा पार कर रही है। किसानों की आवाज बुलंद करने निकले राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को असंवैधानिक तरीके से मुख्यमंत्री के आदेश पर रोका जाना घोर निंदनीय है।

इससे पहले अखिलेश यादव को लखनऊ में विक्रमादित्य मार्ग पर उनके आवास में ही नजरबंद किया गया। उनके आवास के साथ ही विक्रमादित्य मार्ग पर पार्टी के प्रदेश मुख्यालय को भी बैरिकेडिंग लगाकर सील कर छावनी में तब्दील कर दिया गया। इसे लेकर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हंगामा भी किया और उनकी पुलिस से झड़प हुई।

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सपा मुख्यालय के सामने पहुंचे कार्यकर्ताओं से पुलिस की भिड़ंत भी हो गई, जिसके बाद पुलिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ तीन विधान परिषद सदस्यों उदयवीर सिंह, राजपाल कश्यप और आशु मलिक को हिरासत में ले लिया और उनकी गाड़ियां भी जब्त कर लीं।