नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार अमित खरे (Amit Khare) का सोमवार को सेवा विस्तार दे दिया गया। उनका कार्यकाल अक्टूबर 2023 में खत्म हो रहा था। उन्हें भारत सरकार के सचिव के रैंक और स्केल में सामान्य नियमों और शर्तों के आधार पर सेवा विस्तार दिया गया है। हालांकि अतीत में पीके सिन्हा और अमरजीत सिन्हा पीएमओ में अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे और उन्हें बीच में ही पद छोड़ना पड़ा था। अमित खेर झारखंड कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।
2021 में दो साल के लिए हुई थी नियुक्त
दरअसल कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने सरकार में सचिव स्तर के पुनर्नियुक्त अधिकारियों पर लागू सामान्य नियमों और शर्तों पर खरे (Amit Khare) का कार्यकाल अनुबंध के आधार पर 12 अक्टूबर 2023 से 'प्रधानमंत्री के कार्यकाल की अवधि' तक या अगले आदेश तक जो भी पहले हो तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। बता दें कि 1985 बैच के झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी खरे 30 जून, 2021 को सेवानिवृत्त हुए थे। जिसके बाद उन्हें अक्टूबर 2021 में दो साल के लिए प्रधानमंत्री मोदी के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था।
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कौन है पीएम मोदी के सलाहकार अमित खरे ?
गौरतलब है कि अमित खरे ने केंद्रीय विद्यालय, रांची से मैट्रिक (10वीं) पास की और दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। उन्होंने अमेरिका की सिरैक्यूज़ यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है। नई शिक्षा नीति-2020 और आईटीनियम-2021 के प्रावधानों को बनाने में अमित खरे के नाम की अहम भूमिका रही।
एक आईएएस अधिकारी के रूप में अपने 36 साल के करियर के दौरान अमित खरे ने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। दरअसल, साल 2000 में बिहार विभाजन के बाद अमित खयेर ने झारखंड कैडर चुना और रांची आ गये। वह झारखंड में वित्त सचिव, उच्च शिक्षा सचिव, विकास आयुक्त रहने के अलावा तत्कालीन राज्यपाल वेद मारवाह के प्रधान सचिव थे। वह एक बार रांची विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर भी रहे थे।
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