नई दिल्लीः सार्क के 36वें चार्टर दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दक्षिण एशियाई देशों को आतंकवाद को समर्थन व पोषित करने वाली ताकतों को हराने और एक सुरक्षित व समृद्ध दक्षिण एशिया के लिए मिलकर काम करने के प्रति खुद को प्रतिबद्ध करना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा है कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) आतंकवाद और हिंसा से मुक्त वातावरण में ही पूर्ण क्षमता का एहसास कर सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सार्क देशों के बीच कोरोना महामारी को लेकर शुरुआती दौर में किया गया सहयोग एक साथ मिलकर काम करने के लाभ का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्र के अन्य देशों के साथ मिलकर कोरोना महामारी से रिकवरी को सुनिश्चित करेगा। प्रधानमंत्री ने संगठन के देशों और नागरिकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत एकीकृत, संगठित, सुरक्षित और समृद्ध दक्षिण एशिया के लिए प्रतिबंध है। भारत दक्षिण एशिया को आर्थिक, तकनीकी, संस्कृतिक और सामाजिक विकास के लिए सदैव सहयोग जारी रखेगा।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) की स्थापना 8 दिसम्बर, 1985 को ढाका में सार्क चार्टर पर हस्ताक्षर के साथ की हुई थी। दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग का विचार सर्वप्रथम नवम्बर 1980 में सामने आया था। सात संस्थापक देशों- बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव नेपाल, पाकिस्तान व श्रीलंका के विदेश सचिवों के परामर्श के बाद इनकी प्रथम मुलाकात अप्रैल 1981 में कोलंबिया में हुई थी। अफगानिस्तान वर्ष 2005 में आयोजित हुए 13वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में सार्क का सबसे नया सदस्य बना। इस संगठन का मुख्यालय एवं सचिवालय नेपाल की राजधानी काठमांडू में है।