बलियाः नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के पीएम उम्मीदवार के रूप में अपने चुनाव अभियान के समापन के लिए बलिया को चुना था। तब उन्होंने बलिया की ऐतिहासिक धरती का महत्व समझाते हुए यहां के बागीपन को जमकर झकझोरा था। जिसका परिणाम बलिया में पहली बार कमल खिला था।
यह ही पूरा किया था अभियान
दस साल पहले 2014 में नरेन्द्र मोदी ने 26 मार्च को सोलहवीं लोकसभा के लिए अपने प्रचार अभियान की शुरुआत वैष्णो देवी के धाम से की थी। तब उधमपुर से शुरू लोकसभा चुनाव का प्रचार अभियान 44 दिनों तक चला था। बलिया की चुनावी जनसभा में उन्होंने कहा था कि वैष्णो देवी से शुरू हुई उनकी इस सोलहवीं लोकसभा के लिए चुनावी अभियान की यात्रा महर्षि भृगु व मंगल पांडेय की धरती पर समाप्त हो रही है। उन्होंने कहा था कि महर्षि भृगु व मंगल पांडेय की धरती से पूरे देश का आभार करता हूं। यह मायने रखता है कि मोदी ने अपने पूरे अभियान का लेखा-जोखा देश के सामने रखने के लिए बलिया को चुना था। तब उन्होंने बीजेपी की व्यवस्था के तहत पांच हजार आठ सौ स्थानों पर प्रत्यक्ष तौर पर संपर्क किया था।
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इस प्रत्याशी भी घोषित नहीं
टीवी के माध्यम से तो लाखों गांवों में पहुंच बनाई थी। मोदी ने उस चुनाव में तीन लाख किलोमीटर से ज्यादा का सफर बिना रूके किया था। मोदी की करीब चार हजार स्थानों पर चाय पर चर्चा का कार्यक्रम चलाया गया था। अब जबकि अठारहवीं लोकसभा के चुनाव में पीएम मोदी ने चार सौ पार का नारा दिया है, बलिया में इस बार भी चुनाव अंतिम चरण में ही है, ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने चुनावी अभियान का खात्मा यहीं से करते हैं या नहीं। अभी तो बलिया संसदीय सीट के लिए भाजपा ने अपने प्रत्याशी का नाम भी घोषित नहीं किया है।
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