जयपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा।इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस छोड़कर दूसरे दलों में शामिल होने वाले नेताओं को निकम्मा, निकम्मा, गद्दार और पीठ में छुरा घोंपने वाला बताया।
इस बीच, उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को निर्देश दिया कि वे पार्टी के लिए देनदारी नहीं, बल्कि संपत्ति बनें। यदि आप संपत्ति बन गए और पार्टी का विश्वास अर्जित कर लिया तो निकट भविष्य में आपके लिए राजनीतिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। उन्होंने ओबीसी समुदाय को आरक्षण देने पर भी जोर दिया।
पीएम को लेकर कही ये बात
अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी की भाषाई गरिमा पर उठाए सवाल।उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने अपनी भाषा शैली से उनके पद की गरिमा को कम कर दिया है।प्रधानमंत्री एक गरिमामय पद है, इसकी गरिमा को कम करने का अधिकार किसी को नहीं है, न कांग्रेस को और न ही किसी अन्य दल को ऐसा अधिकार है, लेकिन प्रधानमंत्री ने इस चुनाव में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है।, यह निश्चित रूप से निंदनीय है।
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गहलोत ने दावा किया कि पीएम मोदी की भाषा शैली उनकी हार का कारण बनेगी।कई विवादित बयान देने के बाद प्रधानमंत्री कहते हैं कि मैं हिंदू-मुस्लिम की राजनीति नहीं करता, जिस दिन करूंगा सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लूंगा। प्रधानमंत्री एक दिन कुछ और कहते हैं और अगले दिन कुछ और, और जितना अधिक प्रधानमंत्री बोल रहे हैं, इंडिया अलायंस के चुनाव जीतने की संभावना उतनी ही मजबूत होती जा रही है।
हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करते हैं पीएम- अएशोक गहलोत
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री अनावश्यक मुद्दों पर राजनीति कर रहे हैं, जबकि वास्तविक मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। प्रधानमंत्री बेरोजगारी, महंगाई और किसानों जैसे मुद्दों पर नहीं बोलते हैं। इन मुद्दों को छोड़कर वह हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करते हैं।' पीएम मोदी अपनी पार्टी के घोषणापत्र को भूलकर कांग्रेस के घोषणापत्र का पोस्टमार्टम कर रहे हैं, जो किसी भी लिहाज से उचित नहीं है।कांग्रेस के घोषणापत्र से घबराकर इन लोगों की भाषण शैली बदल गयी।बीजेपी कहने लगी कि ये घोषणापत्र मुस्लिम लीग का है।आख़िर ये सब हो क्या रहा है? ये लोग अपना एजेंडा नहीं बना पा रहे हैं।इन लोगों के पास चुनाव प्रचार के लिए कोई मुद्दा नहीं है।वे सिर्फ राहुल गांधी के नाम पर प्रचार कर रहे हैं, जिससे कुछ खास हासिल नहीं होने वाला है।