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पीएम इमरान खान का आज फिर इम्तिहान, खैबर पख्तूनख्वा के सीएम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस

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इस्लामाबादः पाकिस्तान की इमरान खान सरकार को आज फिर इम्तिहान से गुजरना होगा। नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर शनिवार को होने वाले मतदान पर सारी दुनिया की नजर है। दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने संसद भंग करने और अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली से खारिज करने के फैसले को रद्द कर 48 घंटे के अंदर वोटिंग कराने का आदेश दिया था। अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से कुछ घंटे पहले राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री इमरान खान ने समर्थकों से रविवार शाम सड़क पर उतरने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि ‘‘नई आयातित सरकार’’ के सत्ता में आने पर वह रविवार को देशभर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करें। नेशनल असेंबली में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन में अब कोई चमत्कार होने की उम्मीद नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से इमरान खान निराश हैं। यहां यह बाद लोगों की जुबां पर है कि इमरान खान सरकार गिरने के बाद पीएमएल (नवाज) के नेता शाहबाज शरीफ मुल्क की बागडोर संभाल सकते हैं। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुल्क वापसी हो सकती है। इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों को 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों की आवश्यकता है। विपक्ष इससे अधिक संख्या बल पहले ही साबित कर चुका है। इमरान खान पाकिस्तान के इतिहास में पहले ऐसे प्रधानमंत्री हो सकते हैं, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से बाहर किया गया। इस सबके बीच पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की विधानसभा में विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री महमूद खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया है। यहां के प्रमुख अखबार डॉन ने शनिवार को यह रिपोर्ट दी है। इसके मुताबिक प्रांत की 145 सदस्यों वाली विधानसभा में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) 94 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। विपक्षी पार्टियों के 51 सदस्य हैं।

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विपक्षी विधायकों ने विधानसभा के सचिव किफायतुल्लाह अफरीदी को उनके कार्यालय में अविश्वास नोटिस सौंपा। इसके बाद अध्यक्ष ने प्रांतीय विधानसभा सत्र की बैठक को 10 मई तक के लिए स्थगित कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार नोटिस पर संयुक्त विपक्ष के 36 विधायकों के हस्ताक्षर है। इनमें एमएमए के 17, एएनपी के 12, पीपीपी के छह और जमात-ए-इस्लामी के एक विधायक शामिल हैं। विधानसभा सचिवालय को दिए प्रस्ताव में विपक्षी दलों कहा है कि खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय विधानसभा के नियम 18डी के उप-नियम (1) के तहत और इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान का संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की मंजूरी दी जाए। विपक्ष का कहना है कि महमूद खान ने मुख्यमंत्री के रूप में विधानसभा के अधिकांश सदस्यों का विश्वास खो दिया है। इस प्रस्ताव के जरिए महमूद खान से उम्मीद करते है कि उन्हें खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद छोड़ देना चाहिए।

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