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पितरों को समर्पित होती है पौष अमावस्या, जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त

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नई दिल्लीः हिंदू धर्म में हर माह पड़ने वाली अमावस्या का विशेष महत्व होता है। कहते हैं कि अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है। हर माह कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या ही होती है और उसके बाद शुक्ल पक्ष की शुरुआत हो जाती है। पौष माह की अमावस्या का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि पौष का पूरा महीना ही पितरों तो समर्पित होता है। इस बार पौष माह की अमावस्या नए साल में 2 जनवरी 2022 को पड़ेगी। वैसे तो हर माह पड़ने वाली सभी अमावस्या खास होती हैं, लेकिन पौष माह की अमावस्या खास है। दरअसल, खरमास में किसी भी शुभ काम या मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। वहीं, दूसरी ओर इस माह में किया गया पूजा-पाठ शुभ माना जाता है। इसलिए श्राद्ध की तरह इसे छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस माह में पितरों के निमित्त पिंड दान करने से उन्हें भटकना नहीं पड़ता और वे सीधा बैकुंठ की ओर प्रस्थान कर जाते हैं।

पौष अमावस्या का महत्व
पौष अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। अमावस्या के दिन स्नान, पूजा, जाप और तप का विधान है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान कर पूजा आदि करने से व्यक्ति को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। पितरों के लिए पिंड दान करने और दान आदि करने से उन्हें संतुष्टी मिलती है।

मिलती है पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति
कहते हैं कि कुंडली में व्याप्त पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या का दिन शुभ होता है। इस दिन ज्योतिष अनुसार कुछ उपायों से पितृदोष और कालसर्प योग से मुक्ति मिलती है। पितृदोष से मुक्ति के लिए इस दिन तर्पण और पिंडदान किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।

पौष अमावस्या शुभ मुहूर्त
पौष अमावस्या तिथि- 2 जनवरी, 2022, रविवार
पौष अमावस्या प्रारंभ-2 जनवरी सुबह 3 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर
पौष अमावस्या समाप्त-3 जनवरी सुबह 5 बजकर 26 मिनट पर तक

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पौष अमावस्या के दिन जरूर करें ये काम
भगवान श्री कृष्ण की पूजा और गीता का पाठ अवश्य करें।
इस दिन पितरों को याद करते हुए गरीबों और जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न आदि दान करें।
पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें और पीपल के नीचे दीपक अवश्य जलाएं।
अगर संभव हो सके तो पौष अमावस्या के दिन पीपल का पौधा लगाएं और उसकी सेवा करें।

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