Health: स्मार्टफोन का इस्तेमाल आज के समय लगभग सभी करते हैं। बच्चे, जवान और बुजुर्ग का बिना स्मार्टफोन के काम ही नहीं चलता है। अब इसी बीच एक स्टडी हुई है, जिसमे ये खुलासा हुआ है कि, जो नाबालिग रोजाना चार घंटे से ज्यादा समय तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं उन्हें प्रतिकूल मानसिक स्वास्थ्य और मादक पदार्थों का रिस्क हो सकता है।
स्टडी से पता चला कि, हाल ही के सालों में नाबालिगों के बीच स्मार्टफोन का उपयोग बढ़ गया है। ये उपयोग मानसिक विकारों, नींद की समस्याओं, आंखों से संबंधित समस्याओं और मस्कुलोस्केलेटल विकारों जैसे प्रतिकूल स्वास्थ्य के उच्च जोखिम से जुड़ा हो सकता है। बता दें कि, नाबालिगों द्वारा स्मार्टफोन के उपयोग और स्वास्थ्य के बीच संबंधों को जानने के लिए, कोरिया के हन्यांग यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर की टीम ने 50,000 से अधिक नाबालिग प्रतिभागियों के डेटा का विश्लेषण किया।
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डेटा में प्रत्येक प्रतिभागी द्वारा स्मार्टफोन पर बिताए गए रोजाना घंटों की अनुमानित संख्या के साथ-साथ विभिन्न स्वास्थ्य उपाय भी शामिल थे। विश्लेषण में उम्र, लिंग और सामाजिक आर्थिक स्थिति जैसे स्वास्थ्य परिणामों से जुड़े अन्य कारकों को ध्यान में रखने में मदद करने के लिए उचित स्कोर मिलान का उपयोग किया गया।
जो नाबालिग हर रोज चार घंटे से ज्यादा समय तक स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं, उनमें आत्महत्या के विचार, तनाव और ड्रग यूज की दर प्रति दिन 4 घंटे से कम उपयोग करने वालों की तुलना में अधिक थी। ओपन-एक्सेस जर्नल पीएलओएस वन में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चला कि, जो नाबालिग रोजाना 1 से 2 घंटे स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, उनको उन नाबालिगों की तुलना में कम समस्याओं का सामना करना पड़ता है जो बिल्कुल भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
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लेखकों का कहना है, ये स्टडी स्मार्टफोन के उपयोग और प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणामों के बीच किसी कारणात्मक संबंध की पुष्टि नहीं करता है।हन्यांग के जिन-ह्वा मून और जोंग हो चा ने कहा कि, यह शोध किशोरों के स्वास्थ्य पर दिन में 4 घंटे से ज्यादा समय तक स्मार्ट उपकरणों का उपयोग करने के प्रभाव को दर्शाता है।
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