मध्य प्रदेश

गीता प्रेस को दिए गए अवार्ड का विरोध भारत की आस्था पर हमला : रजनीश अग्रवाल

Gita-Press -award
Gita-Press -award भोपालः गीता प्रेस ( Gita Press) एक साधना है,तपस्या है, जिसने भारत की संस्कृति, धर्म और अध्यात्म को जन-जन तक पहुंचाया है। गीता प्रेस के कारण सामाजिक और नैतिक मूल्यों को बल मिला है। सांस्कृतिक जागरण के माध्यम गीता प्रेस पर आरोप लगाना कांग्रेस के भारतीयता के विरोध में खड़े होने का उदाहरण है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश गीता प्रेस को दिए गए गांधी शांति पुरस्कार का विरोध कर भारत की आस्था पर आघात कर रहे हैं। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने गीता प्रेस ( Gita Press) को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा किये गये विवादित ट्वीट पर सोमवार को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। उन्होंने कहा कि गीता प्रेस गोरखपुर को 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है जो इस वर्ष अपनी शताब्दी मना रहा है। गीता प्रेस को दिए जाने वाले इस पुरस्कार पर कांग्रेस ने न केवल आपत्ति जताई है, बल्कि गीता प्रेस पर घटिया और विकृत आरोप भी लगाए हैं, कांग्रेस की यह विकृत मानसिकता यह सिद्ध करती है कि वह एक चुनावी हिंदू है। ये भी पढ़ें..गिरफ्तार हुआ 20 हजार का इनामी शूटर, एक साल से था फरार उन्होंने कहा कि क्या कारण है कि कांग्रेस के अधिकृत मीडिया प्रभारी और राहुल गांधी के ज्ञानी जयराम रमेश भारत की आस्था पर आघात कर रहे हैं? आखिर क्या वजह है कि वह गीता प्रेस पर शक और आरोप लगाने का काम कर रहा है? वे हिंदू संस्कृति से जुड़े हर पहलू पर हमला करते हैं? उन्होंने कहा कि गीता प्रेस का सनातन संस्कृति और गीता, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों को घर-घर पहुचानें में बहुत बड़ा योगदान है, गीता प्रेस का अपमान मतलब हिन्दू धर्म के लिए किये गये उसके योगदान का अपमान है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता हमेशा हिंदुत्व और हिंदुत्व के मानकों को गिराते रहे हैं, जिसका नतीजा है कि आज कांग्रेस अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि जयराम रमेश द्वारा गीता प्रेस को दिए जाने वाले गांधी शांति पुरस्कार का विरोध कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति से प्रेरित है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)