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UPRTOU: मुक्त विवि के आठ शिक्षकों को शोध के लिए मिला 12 लाख का अनुदान

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प्रयागराज: उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने शोध एवं विकास के क्षेत्र में लम्बी छलांग लगाई है। उच्च शिक्षा में शोध के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश शासन से अभी तक की सर्वाधिक सात शोध परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। जिसके तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए लगभग 12 लाख रुपए की ग्रांट स्वीकृत की गई है।

कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि मुक्त विवि इन शोध परियोजनाओं को पूर्ण करके शोध के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित करेगा। हाल ही में यूजीसी ने भी मुक्त विवि के कोर्स को रेगुलर कोर्स के समतुल्य करार दिया है। इसी वर्ष से विश्वविद्यालय ने रेगुलर शोध कार्य प्रारम्भ किया है। ऐसे में यह शोध परियोजनाएं विश्वविद्यालय के लिए मील का पत्थर साबित होंगी। मुक्त विवि के प्रो. पी के पांडेय, प्रो. एस कुमार, प्रो. छत्रसाल सिंह, डॉ आनंदानंद त्रिपाठी एवं डॉ त्रिविक्रम तिवारी (संयुक्त रूप से), डॉ संजय कुमार सिंह, डॉ श्रुति एवं डॉ ज्ञान प्रकाश यादव को शोध परियोजनाओं के लिए लगभग 12 लाख की ग्रांट स्वीकृत हुई है।

इसमें शोध एवं विकास के निदेशक प्रो पी के पांडेय को उत्तर प्रदेश में समावेशन स्थापित विद्यालयों में कार्यरत विशेष शिक्षकों की समावेशन दक्षताओं के अध्ययन के लिए 1,71,600 की ग्रांट मिली है। समाज विज्ञान विद्या शाखा के प्रो एस कुमार को भारतीय संत परम्परा के अंतर्गत नाथ संप्रदाय के विशेष संदर्भ में अध्ययन के लिए 1,20,000 की ग्रांट स्वीकृत की गई है। शिक्षा विद्या शाखा के प्रो. छत्रसाल सिंह को भारतीय मूल्य प्रणाली के संदर्भ में किशोरों के व्यवहार पर सोशल मीडिया का प्रभाव पर शोध करने के लिए 2,15,600 की ग्रांट मिली है। समाज विज्ञान विद्या शाखा के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ संजय कुमार सिंह को पवित्र गंगा नदी के विभिन्न शहरों पर गंगा जल की गुणवत्ता में मौसमी परिवर्तन एवं गंगाजल का पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर अनुसंधान प्रस्ताव के लिए 2,17,800 की ग्रांट स्वीकृत हुई है।

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इसी प्रकार विज्ञान विद्या शाखा की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ श्रुति को कोविड महामारी की गतिशीलता के आंकलन पर शोध करने के लिए द्वितीय वर्ष में 55,000 की ग्रांट स्वीकृत हुई है। समाज विज्ञान विद्या शाखा के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ आनंदानंद त्रिपाठी को रिसर्च प्रोजेक्ट बुंदेलखंड क्षेत्र की महिलाओं की स्थानीय राजनीति में सहभागिता पर शोध करने के लिए 2,10,000 का अनुदान मिला है। प्रबंधन अध्ययन विद्या शाखा के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ज्ञान प्रकाश यादव को ग्रामीण भारत के विकास और उसके भविष्य की चुनौतियों के लिए मोनो पार्टिकल से बनी पारम्परिक दवाई पर रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए 1,93,600 का अनुदान स्वीकृत हुआ है। मीडिया प्रभारी डॉ प्रभात चंद्र मिश्र ने बताया कि विश्वविद्यालय के रजत जयंती के शुभ अवसर पर शिक्षकों की इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो सीमा सिंह ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी। साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद, लखनऊ तथा प्रदेश सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।

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