नई दिल्लीः इस माह 11 फरवरी को मौनी अमावस्या पड़ रही है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन प्रातःकाल के समय घर पर या फिर किसी पवित्र नदी में मौन रहकर स्नान करने की परंपरा है। यदि आप मौन रहकर स्नान नही कर पाये हैं तो आपको कम से कम इस दिन किसी भी प्रकार के कलह से बचना चाहिए। माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 10 फरवरी को रात 1 बजकर 8 मिनट पर शुरू होगी और 11 फरवरी को रात 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि में 11 फरवरी को मौनी अमावस्या का स्नान होगा।
माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन स्नान करने के बाद दान देने से विशेष फल प्राप्त होता है। ऐसा भी कहा जाता है कि इन दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष खत्म हो जाता है। इसके साथ ही मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान-पुण्य करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते है और उन्हें ग्रह दोष भी समाप्त हो जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन संगम तट पर पवित्र गंगा नदी में स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्रों को धारण करना चाहिए और फिर इसके बाद जल में तिल को डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य जरूर दें।
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इसके बाद भगवान सूर्य के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इसके बाद दान में तिल, तिल के लड्डू, वस्त्र और गाय का दान देने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या के दिन इस बात का विशेष ख्याल रखें कि आप किसी के मन को ठेस न पहुंचायें और न ही किसी को अपशब्द बोलें। हिंदू धर्म कथाओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन ऋषि मनु का जन्म हुआ था और उन्हीं के नाम पर मौनी शब्द की उत्पत्ति हुई। इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है।