रांचीः पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की शिकायत पर एससी-एसटी एक्ट के तहत ईडी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को सीबीआई या अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने की मांग वाली ईडी की याचिका पर शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने प्रतिवादी पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई हाईकोर्ट की ग्रीष्मावकाश के बाद होगी। ईडी की ओर से वकील एके दास और सौरभ कुमार उपस्थित हुए।
नोटिस पर लगी रोक
ईडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर गुहार लगाई गई है कि गोंडा पुलिस इस मामले में ईडी अधिकारी को परेशान करने की कोशिश कर रही है। इसलिए इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई या अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपी जानी चाहिए। हालांकि, ईडी अधिकारियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर को चुनौती देने वाली ईडी अधिकारियों कपिल राज और अन्य की याचिका पर हाईकोर्ट ने गोंडा पुलिस द्वारा 41 ए के तहत ईडी अधिकारियों को दिए गए नोटिस पर रोक लगा दी।
कोर्ट ने कहा है कि अगले आदेश तक पुलिस ईडी अधिकारियों को 41ए का नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए नहीं बुला सकती। कोर्ट ने अगले आदेश तक ईडी अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक जारी रखी है। यह एफआईआर झारखंड पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट के तहत रांची के एससी-एसटी थाने में दर्ज की है। यह एफआईआर हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर ईडी द्वारा की गई तलाशी की शिकायत पर दर्ज की गई है।
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लगाए थे ये आरोप
ईडी ने कोर्ट से इस मामले को रद्द करने का अनुरोध किया है। एफआईआर में ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों पर हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर की गई तलाशी का आरोप लगाया गया है। एफआईआर में ईडी के अतिरिक्त निदेशक कपिल राज, सहायक निदेशक देवव्रत झा और अनुमान कुमार और अमन पटेल के साथ-साथ अज्ञात अधिकारियों के नाम हैं। इसमें हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि उनके दिल्ली आवास पर ईडी का तलाशी अभियान उन्हें और उनके समुदाय को परेशान करने और बदनाम करने के इरादे से चलाया गया था।
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