नोएडा: नोएडा के बहुचर्चित जीएसटी धोखाधड़ी मामले को मेरठ की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में स्थानांतरित कर दिया गया है। 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के इस जीएसटी फर्जीवाड़े में 2,660 फर्जी कंपनियों की मिलीभगत सामने आई है। इस मामले में 41 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की गई है।
मामला मेरठ की ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर
सूत्रों के हवाले से खबर है कि डीजी मुख्यालय और नोएडा पुलिस को इस कड़ी में शामिल किए बिना अब मामले की जांच मेरठ की ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर कर दी गई है। इसमें न तो नोएडा पुलिस कमिश्नरेट को कोई पत्राचार किया गया और न ही डीजी मुख्यालय लखनऊ को लिंक में रखा गया।
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इस मामले में नोएडा पुलिस के ज्वाइंट सीपी लॉ एंड ऑर्डर की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय एसआईटी का भी गठन किया गया था। इस एसआईटी में आईपीएस और पीपीएस अधिकारी शामिल थे। मामले में अब तक 41 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और 35 से ज्यादा आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं।
20 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त
इस जीएसटी फर्जीवाड़े में अब तक 5 आरोपियों की 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। पुलिस के मुताबिक, अब तक कुल 50 आरोपियों की पहचान की जा चुकी है। सूत्रों के मुताबिक आरोपी पक्ष की मांग पर जांच ट्रांसफर की गई है। अरबों रुपये कमाने वाले कई प्रभावशाली लोग इस जीएसटी धोखाधड़ी में शामिल पाए गए हैं।
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