उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव 2024

पिछले 6 दशकों में इस सीट पर कोई भी सांसद नहीं लगा सका हैट्रिक

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हमीरपुरः बुन्देलखंड की हमीरपुर-महोबा लोकसभा सीट पर पिछले 57 साल में चौदह बार आम चुनाव हुए, लेकिन इस सीट पर लगातार कोई हैट्रिक नहीं लगा सका। इस बार इस सीट पर बीजेपी के लिए हैट्रिक लगाने वाले मौजूदा सांसद मैदान में हैं, जो 60 फीसदी से ज्यादा वोटिंग होने पर कांग्रेस का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।

हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी लोकसभा सीट पर 57 साल में चौदह बार आम चुनाव हुए, लेकिन इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने के लिए यहां के दो नेताओं को संघर्ष करना पड़ा। साल 1952 के पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस लहर में एमएल द्विवेदी पहली बार सांसद बनने वाले नेता थे। उन्हें 32.7 फीसदी वोट मिले। संसदीय क्षेत्र की जनता ने उनकी ईमानदारी और सरल स्वभाव पर लगातार तीन बार भरोसा किया। वह 1962 तक लगातार तीन बार इस सीट से सांसद रहे। हालांकि 1957 में उन्हें सिर्फ 28.6 फीसदी वोट मिले, जबकि तीसरी बार उन्हें 47.99 फीसदी वोट मिले।

संसदीय क्षेत्र के बुजुर्ग सामाजिक कार्यकर्ता बाबूराम प्रकाश त्रिपाठी के मुताबिक, एमएल द्विवेदी ने 1967 में चौथी बार लोकसभा चुनाव लड़ा था। वह चौथी बार इस सीट पर विजय रथ दौड़ाकर रिकॉर्ड बनाना चाहते थे, लेकिन वे अटल बिहारी बाजपेयी की जनसंघ पार्टी के स्वामी ब्रह्मानंद महाराज से बुरी तरह हार गए। उन्हें 31 फीसदी तक वोट मिले, जबकि जनसंघ पार्टी के उम्मीदवार स्वामी ब्रह्मानंद महाराज को सबसे ज्यादा 54 फीसदी से ज्यादा वोट मिले। चौथी बार संसदीय क्षेत्र का चुनाव हारने के बाद एमएल द्विवेदी जैसे दिग्गज नेता ने राजनीति से संन्यास ले लिया था।

ब्रह्मानंद लगातार दो बार बने सांसद

हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट पर दो नेता लगातार दो बार सांसद बने लेकिन दोनों ही लगातार तीसरी बार सीट नहीं जीत सके। स्वामी ब्रह्मानंद महाराज 1967 में पहली बार जनसंघ के टिकट पर लोकसभा चुनाव में 54 प्रतिशत से अधिक वोट पाकर सांसद बने। 1971 के लोकसभा चुनाव में वह दोबारा सांसद बने लेकिन 1977 के आम चुनाव में स्वामी ब्रह्मानंद इस सीट पर हैट्रिक नहीं बना सके। इसके बाद उन्होंने खुद को राजनीति से भी दूर कर लिया। इसी तरह 1996 के आम चुनाव में गंगाचरण राजपूत सांसद बने। 1998 में वह लगातार दूसरी बार सांसद बने थे लेकिन 1999 के चुनाव में गंगाचरण यहां की सीट पर हैट्रिक नहीं बना सके। हालांकि वह तीन बार सांसद बने।

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लगातार दो बार कमल खिला चुके हैं पुष्पेंद्र सिंह चंदेल

2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में पुष्पेंद्र सिंह चंदेल पहली बार बुंदेलखंड लोकसभा सीट-47 से सांसद बने। उन्होंने यहां पूर्व मंत्री विशंभर प्रसाद निषाद को 266778 वोटों के अंतर से हराकर सीट जीती थी। उन्हें कुल वोटों का 47.045 फीसदी वोट मिले। पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने 2019 के आम चुनाव में गठबंधन के बसपा उम्मीदवार दिलीप सिंह को 248652 वोटों के अंतर से हराया था। पुष्पेंद्र सिंह चंदेल 52.77 फीसदी वोट पाकर लगातार दूसरी बार सांसद बने। इस सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए उन्होंने गठबंधन के सपा प्रत्याशी अजेंद्र सिंह राजपूत को चुनावी मैदान में कड़ी टक्कर दी है। इस बार वह यहां की सीट पर हैट्रिक लगाकर 57 साल का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।

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