भुवनेश्वर: नेशनल एलिजिबिलिटी-कम-एंट्रेंस टेस्ट (नीट) 2020 में 100 प्रतिशत स्कोर करके इतिहास रचने वाले ओडिशा के शोएब आफताब ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 महामारी उनके लिए एक आशीर्वाद के रूप में आई। उन्होंने महामारी के इस समय का पूरा इस्तेमाल अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में किया। शोएब ने बताया, "महामारी के कारण लोगों को भारी नुकसान हुआ, लेकिन मैंने इस समय का उपयोग अपने लाभ के लिए किया और अपनी पढ़ाई पर अधिक ध्यान दिया। बाहर न जा पाने के कारण बचे समय में मैंने ढेर सारे ऑनलाइन टेस्ट दिए।"
राउरकेला के 18 वर्षीय शोएब नीट में 720 में से 720 अंक हासिल करने वाले पहले छात्र बने हैं। इसके अलावा नीट में पहले स्थान पर आने वाले ओडिशा के पहले छात्र भी बन गए हैं। एक व्यवसायी और एक गृहिणी के बेटे शोएब अपने परिवार में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले पहले सदस्य हैं। उन्होंने कहा, "मैंने राउरकेला में 10वीं तक की पढ़ाई की। कक्षा 9-10 में डॉक्टर बनने का फैसला किया और फिर इसके बाद अपने पिता से कोटा कोचिंग लगाने के लिए कहा। उन्होंने मुझे ऐलन में एडमिशन लेने में मदद की।"
यह भी पढ़ें- मेरठ में मिशन शक्ति अभियान शुरू, थानों में इस तरह हो रहा काम
शोएब की मां अपने बेटे के सपने में मदद करने के लिए ओडिशा से राजस्थान के कोटा गईं। शोएब ने कहा, वह पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन असाधारण रूप से अच्छा नहीं था। उन्होंने कहा कि कोचिंग और स्कूल के अलावा उन्होंने 3 घंटे सेल्फ-स्टडी की। छुट्टियों में रोजाना 13-14 घंटे पढ़ाई की। अब वह नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में प्रवेश पाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "मैं रिसर्च प्रोग्राम के कारण एम्स में प्रवेश लेना चाहता हूं। साथ ही एमबीबीएस के बाद मैं कार्डियोलॉजी में विशेषज्ञता हासिल करना चाहता हूं।"