प्रदेश उत्तर प्रदेश

NEDA UP: आठ माह बाद भी वेंडर व रेट नहीं तय कर सका नेडा, लटके आवेदन

Solar
सोलर

लखनऊः सोलर पैनल आवेदकों पर यूपी नेडा (उप्र नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण) और वेंडरों की आपसी खींचतान भारी पड़ रही है। इसके चलते आवेदकों के सोलर पैनल आवेदन के साथ उनकी सब्सिडी भी अटकी हुई है। वेंडरों का चयन न होने से आवेदकों को यह जानकारी ही नहीं मिल पा रही है कि वह पैनल किससे लगवाएं, साथ ही उन्हें यह भी पता नहीं चल पा रहा है कि कौन सी एजेंसी नेडा से अनुबंधित है और कौन नहीं। इसके अलावा अगर वह किसी एजेंसी से सोलर पैनल लगवा लेते हैं, तो उन्हें सब्सिडी मिलेगी अथवा नहीं।

बीते कई माह से सोलर पैनल लगवाने के इच्छुक आवेदक इसी उधेड़बुन में फंसे हुए हैं, वहीं जिन लोगों ने इस दौरान सोलर पैनल लगवा लिया है, उनका सब्सिडी मिलने का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। केंद्र सरकार की पहल पर आॅन ग्रिड सोलर प्लांट लगवाने के इच्छुक लोगों के लिए सेंट्रलाइज व्यवस्था बनाई गई है। इसके तहत सोलर पैनल के आवेदन के लिए एक पोर्टल तैयार कराया गया, साथ ही सोलर पैनल लगवाने पर मिलने वाली सब्सिडी को सीधे आवेदक के खाते में भेजने की भी व्यवस्था बनाई गई, बावजूद इसके यूपी नेडा न तो वेंडरों का चयन कर पाया और न ही सब्सिडी की दरें तय कर सका। इसके चलते बड़ी संख्या में लोग चाह कर भी आॅन ग्रिड सोलर प्लांट नहीं लगवा पा रहे हैं। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की रूफटॉप सोलर प्लांट योजना का फेज-2 बीते करीब 08 माह पूर्व शुरू हुआ था।

ये भी पढ़ें..जिले में छोटे प्लाट में फ्लोर वाइज रजिस्ट्री की तो नपेंगे अधिकारी

हालांकि, आठ महीनों बाद भी लोग इस सुविधा से वंचित हैं। जानकारी के अनुसार योजना में वेंडरों के चयन के लिए यूपी नेडा ने बीते वर्ष नवम्बर से टेंडर प्रक्रिया शुरू करवाई थी, लेकिन अब तक पूरी नहीं हो सकी। हाल ही में फिर से टेंडर निकाला जाना सुनिश्चित किया गया था, मगर फिर से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया गया है। विभागीय सूत्रों की मानें तो यूपी नेडा और वेंडरों के बीच चल रही खींचतान के चलते टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। बीते 29 अप्रैल को यूपी नेडा ने करीब 70 एजेंसियों की सूची और सब्सिडी की दर को वेबसाइट पर अपलोड किया था, हालांकि इस सूची को कुछ दिनों बाद ही हटा लिया गया।

नेशनल पोर्टल भी नहीं हुआ शुरू -

केंद्र सरकार के निर्देश पर ऑन ग्रिड सोलर प्लांट लगवाने के लिए नेशनल पोर्टल बनाया गया था। आठ माह पूर्व बनाया गया यह पोर्टल भी अब तक शुरू नहीं हो सका है, वहीं यूपी नेडा के पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतों के चलते सोलर पैनल के रजिस्टेªशन नहीं हो पा रहे हैं। आवेदकों को विभागीय पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध होने की बात कही जा रही है, जबकि विभाग के पोर्टल पर न तो एजेंसी की जानकारी उपलब्ध है और न ही रेट ही तय किया गया है। जिन आवेदकों ने सब्सिडी दिलाने का दावा करने वाली एजेंसी से सोलर पैनल लगवा लिया, अब उन्हें यूपी नेडा की वेबसाइट पर सब्सिडी की जानकारी ही नहीं मिल पा रही है।

यूपीपीसीएल और नेडा की है जिम्मेदारी -

प्रदेश में रूफटॉप सोलर प्लांट योजना के फेस टू के संचालन की जिम्मेदारी यूपी नेडा और उप्र पावर काॅर्पोरेशन की है। नेडा को जहां सोलर पैनल लगाने वाली एजेंसियों का चयन और सब्सिडी की दरें तय करना होता है, तो यूपीपीसीएल को नेट मीटरिंग की सुविधा शुरू करने के साथ पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजनी होती है। यूपीपीसीएल के अफसरों का कहना है कि वेंडरों के चयन के लिए टेंडर प्रक्रिया नेडा को पूरी करनी है। जानकारी मिली है कि टेंडर प्रक्रिया अंतिम दौर में है और जल्द ही एजेंसियों के नाम की सूची पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।

38 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य -

अभी तक 2,200 शहरवासियों ने आॅनग्रिड सोलर पैनल लगवाया है, वहीं प्रदेश भर में करीब 4,500 की संख्या में आॅनग्रिड सोलर पैनल लग चुके हैं। सोलर प्लांट योजना फेज-2 में 38 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है। इसके पूर्व सोलर प्लांट योजना से करीब 70 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया था। उल्लेखनीय है कि 01 से 03 किलोवाट का रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने पर 40 प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है, वहीं 03 किलोवाट से अधिक व 10 किलोवाट तक 20 प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है। इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से हाउसिंग सोसाइटी के लिए 500 किलोवाट तक के सोलर प्लांट लगाने पर 20 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है।

अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक औरट्विटरपर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…