नई दिल्लीः परीक्षा में शामिल होने जा रहे व परीक्षा के तनाव से ग्रस्त छात्रों की चिंता को दूर करने के लिए 11 अप्रैल सोमवार से 'परीक्षा पर्व' शुरू किया गया है। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम से प्रभावित है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने परीक्षा में शामिल होने जा रहे छात्रों के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया है। 'परीक्षा पर्व' 31 मई तक मनाया जाएगा। परीक्षा पर्व मनाने का उद्देश्य परीक्षाओं को एक आनंददायक गतिविधि बनाने की दिशा में अपने प्रयास को जारी रखना है।
एनसीपीसीआर के मुताबिक परीक्षा पर्व परीक्षा का जश्न है, जिसका उद्देश्य एक मंच पर परीक्षा के कारण होने वाले तनाव के प्रति बच्चों के दृष्टिकोण में बदलाव लाना और परीक्षा परिणाम से पहले उनकी चिंता को दूर करना है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का कहना है कि यह परीक्षा पर्व 4.0 है। इससे तनावपूर्ण समय में, असहज एवं भ्रमित करने वाले विचारों के बारे में बात करने और उन्हें साझा करने से छात्रों के तनाव एवं चिंता को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी। यह छात्रों, अभिभावकों एवं शिक्षकों को अपने विचार साझा करने और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन एवं महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त करने के लिए मंच प्रदान करने का एक प्रयास है।
मंत्रालय के मुताबिक, इस वर्ष बच्चों के अलावा शिक्षकों और अभिभावकों तक पहुंचने के उद्देश्य से एक बहुआयामी दृष्टिकोण लिया जा रहा है। परीक्षा पर्व 4.0 में जो गतिविधियां शामिल हैं उनमें परीक्षा परिणाम से पहले छात्रों को परीक्षा के कारण होने वाले तनाव और चिंता को कम करने के लिए विशेषज्ञों के साथ बातचीत शामिल है। इसके लिए 11 अप्रैल से लेकर 31 मई तक एनसीपीसीआर के फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और दूरदर्शन नेशनल एवं न्यू इंडिया जंक्शन के यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीमिंग सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।
संवेदना (1800-121-2830) कोविड से संबंधित तनाव से निपटने के लिए प्रशिक्षित परामर्शदाताओं द्वारा चलाई जाने वाली एनसीपीसीआर की एक टोल-फ्री टेली परामर्श सेवा है। इस परामर्श सेवा का विस्तार अब छात्रों के लिए परीक्षा तथा परिणाम संबंधी प्रश्नों, तनाव और चिंता से निपटने के उद्देश्य से किया जा रहा।
इस वर्ष एक अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा संवाद किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस वर्ष आपको परीक्षा का तनाव नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने छात्रों को आने वाले त्योहारों की शुभकामनाएं दी और कहा कि परीक्षाओं के बीच में त्यौहार आने पर त्यौहार का आनंद नहीं ले पाते लेकिन यदि हम परीक्षा को ही त्यौहार मान लें तो हम भरपूर आनंद ले सकते हैं।
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में प्रधानमंत्री ने छात्रों, अभिभावकों एवं शिक्षकों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा ' संवाद किया था। प्रधानमंत्री ने इस दौरान छात्रों के प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि आपके मन में परीक्षा को लेकर यह डर क्यों होता है। क्या आप पहली बार परीक्षा देने जा रहे हैं। आप में से कोई नहीं है जो पहली बार परीक्षा देने जा रहा है। आप सभी बहुत सारे एग्जाम दे चुके हैं। आप एग्जाम के आखरी छोर की ओर पहुंच चुके हैं। आप एक बात तय कर लीजिए की परीक्षा जीवन का एक सहज हिस्सा है। जीवन के यह छोटे-छोटे पड़ाव है जिनसे हमें गुजरना है और हम पहले गुजर भी चुके हैं।
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