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लखनऊ को प्राकृतिक ऑक्सीजन हब में बदलने को नगर निगम की मदद करेगा एनबीआरआई

National Botanical research Institute.(photo:instagram)

लखनऊः लखनऊ में राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) के वैज्ञानिकों ने शहर को प्राकृतिक ऑक्सीजन हब में बदलने में लखनऊ नगर निगम (एलएमसी) के साथ सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की है। सीएसआईआर और एनबीआरआई के निदेशक एस.के. बारिक ने इस दिशा में हरसंभव मदद का वादा किया। बारिक ने लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया को बताया है कि पीपल, बरगद और पाकड़ भूकंपरोधी पेड़ है।

उन्होंने कहा कि बरगद के पेड़ में एक विशिष्ट जल धारण क्षमता भी होती है और यह पर्यावरण के लिए वरदान है। एनबीआरआई परिसर में एक बरगद के पेड़ के बारे में बात करते हुए बारिक ने कहा कि एनबीआरआई परिसर के अंदर बरगद का पेड़ भी स्वतंत्रता संग्राम का गवाह है, क्योंकि शहीद उदा देवी ने ब्रिटिश सेना को इस पेड़ पर चढ़कर मोर्चा लिया था। इस बरगद के पेड़ को राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा विरासत का दर्जा दिया गया है। यहां अंग्रेजों के साथ संघर्ष में कई लोग शहीद हुए थे।

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एनबीआरआई के प्रमुख वैज्ञानिक पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि बरगद को दुनिया में सबसे अच्छी छाया देने वाले पेड़ों में से एक माना जाता है। बरगद के पेड़ की पत्तियां और जड़ें बहुत फायदेमंद होती हैं। घावों पर बरगद का रस लगाने से फायदा होता है। बरगद का रस को जोड़ों पर लगाने से जोड़ों के दर्द और गठिया से राहत मिलती है। बरगद के पेड़ का फल अल्सर की दवा बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा, यह अच्छी मात्रा में ऑक्सीजन भी पैदा करता है। एसके एनबीआरआई पार्क के प्रमुख तिवारी ने मेयर को पौधे तैयार करने की विधि से अवगत कराया।