रांची: कलश स्थापना के साथ ही सोमवार से दुर्गोत्सव शुरू हो जायेगा। मंदिरों, पंडालों के अलावा लोगों घरों में भी नवरात्रि अनुष्ठान की तैयारियों में लग गये हैं। दुर्गा पूजा को लेकर भव्य पंडाल बनाये जा रहे हैं, वहीं पल-पल बदल रहे मौसम ने पूजा समितियों की चिंता भी बढ़ा दी है। पंडितों के अनुसार इस बार कलश स्थापना का दिनभर शुभ मुहूर्त है। कलश स्थापना के बाद भक्त मातारानी के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना करेंगे। इसके साथ ही नव दिनों तक चलने वाला चंडीपाठ की शुरुआत हो जायेगी। नवरात्र का समापन चार अक्टूबर को होगा, जबकि विजय दशमी पांच अक्टूबर को मनायी जायेगी। बाबा आम्रेश्वर धाम स्थित दुर्गा मंदिर के पुजारी पंडित सच्चिदानंद शर्मा के अनुसार इस बार मातारानी का आगमन गज अर्थात हाथी में हो रहा है, जो सब दृष्टिकोण से शुभ फलदायी है।
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नवरात्रि को लेकर बाजार में बढ़ी चहल-पहल -
कोरोना संकट के कारण माता दुर्गा के भक्त दो वर्षों तक पूजा-अर्चना नहीं कर पाये थे। इस बार कोरोना का असर कम होने के कारण नवरात्रि को लेकर बाजार में काफी चहल-पहल है। फलों और पूजा सामग्री की दुकानों के अलावा कपड़ों की दुकानों में भी ग्राहको की अच्छी भीड़ देखी जा रही है।
बदलते मौसम ने बढ़ाई आयोजको की चिंता -
खूंटी जिले में मौसम के बदलते मिजाज ने पूजा समितियों की चिंता बढ़ा दी है। लगभग हर दिन यहां कम या अधिक वर्षा हो रही है। इसके कारण पंडाल निर्माण में कारीगरों को परेशानी हो रही है। बताया गया कि 27 सितंबर से हथिया नक्षत्र की शुरुआत होगी। कहा जाता है कि हस्त अर्थात हथिया नक्षत्र में बारिश होना तय है। ऐसे में दुर्गोत्सव पर बारिश खलल डाल सकती है।
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