चंडीगढ़: केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) ने हाल ही में बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के साथ भारत में गिद्ध प्रजातियों के संरक्षण एवं प्रजनन पर एक राष्ट्रीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया। यह बैठक गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र (वीसीबीसी) पिंजौर में आयोजित की गई थी।
इस संबंध में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र, पिंजौर समन्वयक था और पांच अन्य भारतीय चिड़ियाघर नंदनकानन जैविक उद्यान भुवनेश्वर (ओडिशा), वन विहार राष्ट्रीय उद्यान और चिड़ियाघर भोपाल (मध्य प्रदेश), सक्करबाग चिड़ियाघर जूनागढ़ (गुजरात), नेहरू जूलॉजिकल पार्क हैदराबाद (तेलंगाना) और असम राज्य चिड़ियाघर गुवाहाटी सहित सभी केन्द्रों के निदेशकों, पशु चिकित्सकों और जीव वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
प्रवक्ता ने कहा कि राजाभातखवा, पश्चिम बंगाल और गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र, रानी, असम में संबंधित राज्य सरकारों के सहयोग से स्थापित किए गए केंद्रों ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया। बैठक के पहले दिन वीसीबीसी, पिंजौर के जीव वैज्ञानिकों और पशु चिकित्सक ने सभी प्रतिभागियों को केंद्र का दौरा करवाया तथा पशुपालन और देखभाल से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया। उन्होंने बताया कि दूसरे दिन चिड़ियाघर ने संरक्षण प्रजनन की स्थिति और आगे के रोड मैप पर चर्चा की।
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जगदीश चंद्र, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन हरियाणा, देबेंद्र दलाई, मुख्य वन्यजीव वार्डन चंडीगढ़, डॉ. सोनाली घोष डीआईजीएफ-सीजेडए, डॉ. बिवाश पांडव, निदेशक बीएनएचएस और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. विभु प्रकाश ने वीसीबीसी पिंजौर द्वारा तैयार गिद्ध पालकों के लिए मैनुअल जारी किया।
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