ऋषिकेश: उत्तराखंड के ऋषिकेश में नगर निगम "अविरल" प्रोजेक्ट के सहारे स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में ऋषिकेश को अव्वल बनाने में जुट गया है। अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त नगरी में कई विकास परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के बाद नगर निगम प्रशासन ने अभी से खाका तैयार कर लिया है। सोमवार को नगर निगम महापौर अनिता ममगांंई ने बताया कि शहर में प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण के लिए निगम और जीआई जेड कंपनी के बीच एक करार हुआ है। प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए सहायक नगर आयुक्त विनोद लाल नोडल अधिकारी होंगे। महापौर ने बताया कि महत्वपूर्ण बात यह है कि विदेशी तकनीक पर आधारित इस करोड़ों रुपये की योजना में प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण के लिए निगम को खर्चा नहीं करना, सारा पैसा कंपनी लगाएगी। उन्होंने बताया कि यह कंपनी जीआईजेड कम्पनी प्लास्टिक से उत्पन्न कूड़े को कम करने के संबंध में सहयोग करेगी।
यह भी पढ़ें-एनआईए ने गुजरात से पकड़ा ISI एजेंट, यूपी से है कनेक्शनइस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का नाम "अविरल" है, जो गंगा नदी में या उसके आसपास प्लास्टिक वेस्ट को कम करता है। महापौर ममगांई की मानें तो यह एक मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी एमआरएफ ऋषिकेश में बनाएगी, जिससे प्लास्टिक कूड़ा शहर से कम होने पर स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के लिये निगम बेहतरीन प्रदर्शन करेगा। इसके लिए निगम द्वारा गठित टीमों के माध्यम से शहरवासियों को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान और इसके इस्तेमाल को कम करने के लिए अलग-अलग प्रोग्राम द्वारा बताया जाएगा।
यह भी पढ़ें-स्वतंत्र देव सिंह बोले- उड़ान योजना से यूपी के विकास को लगेंगे नए पंखमहापौर के अनुसार, नगर निगम प्रशासन संसाधनों की कमी सेे जूझता रहा है, लेकिन इसके बावजूद स्पष्ट विजन और सकारात्मक सोच के बूूूते वह इस तरह के विश्वस्तरीय प्रोजेक्ट शहरवासियों के लिए लाने में सफल रही हैं। नगर सहायक आयुक्त व प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी विनोद लाल ने बताया कि यह प्रोजेक्ट दो वर्ष तक चलेगा, जिसमें गोविंद नगर स्थित टंचिग ग्राउंड पर मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट 1500 स्क्वायर मीटर में बनेगा, जिसमें 5 मैट्रिक टन का प्लास्टिक वेस्ट का हर दिन निस्तारण होगा। उन्होंने बताया कि जीआईजेड ने मेराजउद्दीन अहमद को इस प्रोजेक्ट का तकनीकी सलाहकार नियुक्त किया गया है।