भोपालः कैबिनेट के विस्तार के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज (शनिवार को) सुबह 9:45 बजे स्मार्ट सिटी पार्क भोपाल में मेट्रो मॉडल कोच का अनावरण करेंगे। मेट्रो मॉडल कोच (Indore-Metro model) ही मेट्रो ट्रेन का असली मॉडल है। अनावरण के बाद मॉडल कोच को बच्चों और आम जनता के अवलोकन के लिए खोल दिया जाएगा। जनसंपर्क अधिकारी राजेश पांडे ने बताया कि मेट्रो ट्रेन ऐसे तीन कोचों से बनी होती है। भोपाल में पांच किलोमीटर और इंदौर में छह किलोमीटर तक मेट्रो ट्रायल की तैयारियां तेजी से की जा रही हैं। ट्रायल रन सितंबर में शुरू किया जाएगा।
भोपाल में मेट्रो (Indore-Metro model) की ऑरेंज और ब्लू लाइन निर्माणाधीन हैं, जिनकी कुल लंबाई 31 किलोमीटर है और लागत सात हजार करोड़ रुपये है। ऑरेंज लाइन करोंद चौराहे से एम्स तक 17 किमी और ब्लू लाइन भदभदा चौराहे से रत्नागिरी चौराहे तक 14 किमी है। ऑरेंज लाइन का काम तेजी से चल रहा है। वहीं, इंदौर मेट्रो में येलो लाइन निर्माणाधीन है। इसकी कुल लंबाई 31 किलोमीटर है और लागत 7500 करोड़ रुपये है।
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भोपाल-इंदौर मेट्रो ट्रेन की खासियत
भोपाल-इंदौर मेट्रो को दुनिया की अग्रणी तकनीक (ऑटोमेशन ग्रेड-4) के साथ संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता का भी उपयोग किया गया है। मेट्रो की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऊर्जा संरक्षण में यह तकनीक काफी फायदेमंद होगी।
CCTV कैमरा सिस्टम: सभी कोचों के अंदर 6 आंतरिक कैमरे लगाए गए हैं, जो किसी आपातकालीन या अन्य कारणों के लिए हैं। इसके साथ ही ट्रेन के दोनों आपातकालीन दरवाजों पर कैमरे लगे होंगे।
डिस्प्ले यूनिट: ट्रेन में अलग-अलग तरह की डिस्प्ले यूनिट लगाई जाएंगी, जिससे यात्रियों को यात्रा के दौरान ट्रेन का रूट, गेट खुलने की दिशा, अगला स्टेशन आदि की जानकारी मिलती रहेगी।
एयर कंडीशनिंग (AC) सिस्टम: भोपाल-इंदौर मेट्रो में रेल में बेहद आधुनिक प्रकार का एयर कंडीशनिंग सिस्टम लगाया जाएगा, जिसकी एयर कूलिंग यात्री भार के अनुसार अलग-अलग होगी। इसमें वायु निस्पंदन में रोगाणु नियंत्रण की सुविधा है।
लाइटिंग : मेट्रो रेल सेवा में प्रकाश व्यवस्था के लिए अत्याधुनिक प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। इसके तहत रेल की रोशनी का स्तर प्राकृतिक रोशनी के हिसाब से बदलता रहेगा। इसके साथ ही ट्रेन की खिड़कियों पर अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से बचाव के लिए फिल्म लगी होगी।
PECU: हर कोच में चार यूनिट लगाई जाएंगी, जिनकी मदद से यात्री किसी भी आपात स्थिति में ड्राइवर से बात कर सकेंगे। GOA-4 सिस्टम (ड्राइवरलेस) में यात्री सीधे कंट्रोल यूनिट से बात कर सकेंगे।
फायर अलार्म, स्मोक अलार्म सिस्टम और फायर एक्सटिंग्विशर: प्रत्येक कोच में 4 फायर और स्मोक अलार्म लगे होते हैं, जो किसी भी आपात स्थिति में नियंत्रण इकाई को सूचित/अलर्ट करते हैं। इसके साथ ही हर कोच में अग्निशमन यंत्र भी लगाए जाएंगे। यात्री अग्नि सुरक्षा के लिए सबसे सुरक्षित स्तर यानी HL-3 स्तर के साथ डिज़ाइन किया गया।
दरवाजे: प्रत्येक कोच में कुल 8 दरवाजे होंगे, चार एक तरफ और चार दूसरी तरफ। इसके साथ ही ट्रेन के दोनों डीएमसी कोचों में आगे की तरफ एक आपातकालीन गेट होगा, जिसका उपयोग किसी भी आपातकालीन स्थिति में यात्रियों के आपातकालीन निकास के लिए किया जा सकता है।
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