वाराणसीः सनातन धर्म में माघ मास की चतुर्थी तिथि का बेहद खास महत्व है। इस दिन संकष्टी चतुर्थी या गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाएगा। इस बार गणेश चतुर्थी शुक्रवार (21 जनवरी) को पड़ रही है। यह दिन भगवान विनायक को समर्पित होता है और इस दिन उनकी आराधना से सभी विघ्न दूर हो जाते हैं। साथ ही संतान के दीर्घ जीवन और सुख समृद्धि के लिए माताएं माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (गणेश चतुर्थी) व्रत रखेंगी।
पूरे दिन भगवान गणेश की मानस आराधना करेंगी। शाम को चंद्रोदय के उपरांत अर्घ्य देकर भगवान गणेश का विधि-विधान से पूजन करेंगी। संतान की दीर्घायु, आरोग्यता, सुख-समृद्धि की कामना के लिए भगवान गणेश की चतुर्थी पर विशेष रूप से आराधना की जाती है। इस दिन भगवान गणेश को मौसमी फल के साथ ही काले तिल और गुड़ से बने लड्डू चढ़ाये जाते हैं।
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गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक चतुर्थी तिथि 21 जनवरी शुक्रवार को सुबह 7.26 बजे से लेकर 22 जनवरी शनिवार की सुबह 7.24 बजे तक रहेगी। वहीं, चंद्रोदय रात 8.39 बजे होगा। चतुर्थी तिथि में चंद्रोदय काल मिलने से माताएं 21 को व्रत रखेंगी। पुराणों के मुताबिक संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का व्रत करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन कथा सुनने से गणपति की कृपा प्राप्त होती है। पूजन में पांच मौसमी फल के साथ ही काले तिल और गुड़ से बने लड्डू, फूल-दुर्वा, अक्षत आदि चढ़ाया जाता है। इस दिन पूजा के समय ‘ॐ गं गौं गणपतये विघ्न विनाशिने स्वाहा’ मंत्र जाप करना चाहिए। इससे जीवन में व्याप्त सभी बाधाएं दूर होती हैं।
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