नई दिल्लीः गर्भावस्था के दौरान या फिर इसके बाद महिलाओं में कई तरह के बदलाव होते है। इनमें से ही एक है मूड स्विंग्स (Mood Swings) होना। प्रेग्नेंसी (Pregnancy) हर महिला के जिंदगी का सबसे नाजुक दौर होता है। इस दौरान महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते है। गर्भावस्था के समय महिलाएं कई तरह की शारीरिक व मानसिक समस्याओं से जूझ रहीं होती हैं। मूड स्विंग्स (Mood Swings) का अर्थ है पल-पल मूड में बदलाव का होना। महिलाओं में यह समस्या प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान हीं नहीं बल्कि बेबी के जन्म के बाद भी हो सकती है। इस पोस्टमार्टम मूड स्विंग्स कहा जाता है। आइए जानते हैं गर्भावस्था के दौरान मूड स्विंग्स के लक्षण और उसके निपटने के आसान उपाय।
गर्भावस्था के दौरान मूड स्विंग्स (Mood Swings) के लक्षण
- हर महिलाओं में मूड स्विंग्स के अलग-अलग लक्षण नजर आते है। कुछ महिलाएं इस दौरान बेवजह हमेशा दुखी या उदास रहने लगती हैं और फिर अचानक से खुश हो जाती हैं।
- प्रेग्नेंट महिलाओं को कई बार प्रेग्नेंसी ब्रेन की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। इससे महिलाओं में याद्दाश्त कमजोर होने की दिक्कत होने लगती है। वह चीजें भूलने लगती हैं।
- गर्भावस्था के दौरान महिलाएं बच्चों की सेफ्टी के लिए साफ-सफाई पर अधिक ध्यान देती हैं। बच्चे की इम्यूनिटी कमजोर होने के चलते वह क्लीनिंग का ज्यादा ध्यान देने लगती हैं।
- गर्भावस्था के दौरान मूड स्विंग्स के चलते ही महिलाओं में चिड़चिड़ापन और क्रोध जैसे लक्षण भी नजर आते हैं।