
इस योजना के तहत मुर्गी पालक तीन तरह इकाईयां (30 हजार पक्षी क्षमता, 10 हजार पक्षी क्षमता, ब्रायलर पैरेंट फार्मिंग) स्थापित कर सकते है। कुक्कुट विकास नीति 2022 के तहत 30 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट संचालित करने के लिए मुर्गी पालकों को 1 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत लगानी पड़ेगी। जिसमें लाभार्थी को 54 लाख और 1 करोड़ 26 लाख का बैंक ऋण पास कराना होगा, वहीं 10 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट स्थापित करने के लिए मुर्गी पालकों को 70 लाख रुपए का खर्चा आएगा। जिसमें 21 लाख रुपये लाभार्थी को लगाना होगा और 49 लाख रुपये का बैंक ऋण होगा। ब्रायलर पैरेंट फार्मिंग लागत 2 करोड़ 6 लाख रुपये होगी। इस योजना के तहत एक लाभार्थी कई यूनिट स्थापित कर सकता है। इसके लिए कोई बाध्यता नहीं है।
यह भी पढ़ें:करें काले चावल की खेती, हो जाएंगे मालामाल
10 हजार पक्षी के लिए हो एक एकड़ जमीन
30 हजार पक्षी क्षमता की इकाई की स्थापना के लिए लाभार्थी के पास तीन एकड़ जमीन होनी चाहिए। यह जमीन हाइवे, जलस्रोत, जलाशय व आबादी वाले इलाकों से 500 मीटर दूर होने चाहिए। इसके अलावा 10 हजार पक्षी क्षमता की इकाई के लिए लाभार्थी के पास एक एकड़ जमीन होनी जरूरी है वहीं ब्रायलर पैरेंट फार्मिंग के लिए लाभार्थी के पास 6 एकड़ भूमि होनी आवश्यक है।