Monsoon Update: उत्तर भारत में इस समय गर्मी अपने चरम पर है। कई राज्यों में प्रचंड गर्मी पड़ रही। कई प्रदेशों में तापमान 43-44 डिग्री को पार कर गया है। दिन में धूप इतनी तीखी होती है कि सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। कुछ दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी से लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। ऐसे राहत भरी खबर सामने आई है। गुरुवार को मानसून (Monsoon Update)ने केरल में दस्तक दे दी है। केरल में मानसून के आने से झमाझम बारिश शुरु हो गई है।
बता दें कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान से चार दिन देरी से मानसून केरल पहुंचा है। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार मानसून केरल के साथ दक्षिण अरब सागर के बाकी बचे हिस्सों और मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों और समूचे लक्षद्वीप क्षेत्र, दक्षिण तमिलनाडु के ज्यादातर हिस्सों, कोमोरिन क्षेत्र के बाकी हिस्सों, मन्नार की खाड़ी और दक्षिण पश्चिम, मध्य और उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों की ओऱ तेजी से बढ़ रहा है।
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मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
उधर मानसून की स्थिति देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को समंदर में ना जाने का अलर्ट पहले ही जारी कर दिया था। आईएमडी के मुताबिक दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने और इसमें तेजी आने के कारण चक्रवाती हवाएं मानसून के केरल तट की तरफ आगमन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं।
गौरतलब है कि विभाग ने इससे पहले 04 जून को मानसून के आगमन का पूर्वानुमान जारी किया था। आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून हर साल 1 जून के आसपास केरल में दस्तक देता है। एक जून से 7 दिन पहले या 7 दिन बाद आना सामान्य बात है। मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण अरब सागर के अन्य इलाकों में मानसून (Monsoon Update) के आगे बढ़ने के लिए भी परिस्थितियां अनुकूल हैं। अगले 24 घंटों में मानसून के पूरे लक्षद्वीप, दक्षिण-पश्चिम, मध्य और पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ने की संभावना है। अगले 48 घंटों में यह पूर्वोत्तर राज्यों की तरफ तेजी से बढ़ेगा।
जानें दिल्ली कब होगी मानसून की एंट्री
आम तौर पर दक्षिण पश्चिम मानसून 1 जून तक केरल पहुंच जाता है। मौसम विभाग का कहना है कि मानसून महीने के अंत तक दिल्ली एनसीआर तक पहुंच सकता है। इस बार सामान्य बारिश की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। इस अवधि के दौरान पूर्व और पूर्वोत्तर, मध्य और दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य से 94 से 106 प्रतिशत बारिश होने की उम्मीद है। दरअसल मानसून के दौरान अगर बारिश 90 फीसदी से कम होती है तो इसे 'बारिश की कमी' माना जाता है। वहीं, 90 फीसदी से 95 फीसदी के बीच बारिश को 'सामान्य से नीचे' और 105 फीसदी से 110 फीसदी के बीच बारिश को 'सामान्य से ऊपर' कहा जाता है।
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